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नई पेंशन स्कीम: केद्र सरकार की नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम 1 जुलाई से लागू, क्या कहती है ये नई स्कीम।

बीते 24 अगस्त को केंद्र मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केद्र कैबिनेट मंत्री की बैठक में यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है अब (UPS) इसको 2025 से लागू किया जायेगा।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम की महत्त्वपूर्ण बातें।

1. कर्मचारी के रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50% एश्योर्ड पेंशन के रूप में मिलेगा। किसी ने अगर 25 साल काम किया है तो उसे यह पेंशन मिलेगी। 25 साल से कम और 10 साल से ज्यादा समय है तो कम करी जायेंगी।

2. कर्मचारी की मौत होने के समय उसकी जो पेंशन बनेगी (यदि मौत की जगह उसका रिटायरमेंट हो जाता तो ) उसका 60% पेंशन के रूप में परिवार को मिल सकता हैं।

3. कम से कम 10 साल की सर्विस पूरी हो जाने पर एश्योर्ड मिनिमम पेंशन 10 हजार रुपए महीने की बन सकेगी, महंगाई के साथ यह आज की तारीख में करीब 15 हजार रुपए की होगी।

नोट: इन तीनों पेंशन पर महंगाई के हिसाब से DR (डियरनेस रिलीफ) का पैसा मिलेगा और जो ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंड्रस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) पर आधारित होगा।

दूसरी बात ये की सरकार हर कर्मचारी को उसकी 6 महीने की नौकरी पूरी करने पर, इन महीनों की उसकी सैलरी और DA मिलाकर उसका 10% पैसा, रिटायरमेंट के बाद लम-सम अमाउंट के तौर पर उपलब्ध कर देंगी।

पेंशन स्कीम में बेसिक सैलरी को लेकर 50% यानी 25,000 रुपए +DR फैमिली पेंशनः पेंशन का 60% यानी 15,000 रु. +DR न्यूनतम पेंशनः 10,000 रुपए+DR की बात करी गई है। 

ग्रैच्युटी को लेकर नुकसान ।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम में ग्रेच्युटी को लेकर नुकसान को बताया जा रहा है जोकि 25 साल की नौकरी और 50 हजार रुपए की बेसिक सैलरी पर पुरानी पेंशन स्कीम में ग्रैच्युटी 12,37,500 रुपए बनेगी, जबकि UPS में यह 9,37,500 रुपए तक की रही है, NPS की तुलना में UPS में निश्चित पेंशन का विकल्प है।

नई पेंशन स्कीम (NPS) की बाते।

कर्मचारी की बेसिक सैलरी + डीए का 10% हिस्सा कटता है।

एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यह सुरक्षित नहीं है, इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते का प्रावधान नहीं है।

यहां रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।

एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यहां टैक्स का भी प्रावधान है और इस स्कीम में रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40% निवेश करना होता है।

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)।

1. इस स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।

2. पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।

3. पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान सरकार के राजकोष से होता है।

4. इस स्कीम में 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।

रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।

5. पुरानी स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) का प्रावधान है।

6. इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते (DA) का प्रावधान है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम की मुख्य बातें।

बेसिक सैलरी की 50% राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। सरकार ने इसकी गारंटी दी है और जिस दिन रिटायर होंगे, उससे पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी का ऐवरेज निकाला जायेंगे तब उसकी 50% राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। पर एक बात क्लियर का कि नौकरी को कम से कम 25 साल होने चाहिए। दूसरा ये भी कि कम से कम 10 साल की नौकरी के बाद रिटायर हुए तो 10 हजार रुपए पेंशन मिलेगी।

कर्मचारियों का योगदान 10% बना रहेगा। सरकार अपना योगदान 14% से बढ़ाकर 18.5% करेगी। हर 3 साल में समीक्षा होगी कि क्या इसे बढ़ाया जाए।

कर्मचारी की मौत पर फैमिली पेंशन मिलेगी। कर्मचारी की मौत के समय उसकी जो पेंशन बन रही होगी, (मौत के बजाय यदि वह रिटायर हुआ होता।) उस पेंशन का 60% फैमिली पेंशन मिलेगी।

UPS का फायदा वे भी ले सकेंगे, जो 2004 के बाद NPS के तहत रिटायर हुए हैं। सरकार ब्याज के साथ एरियर देगी, ब्याज PPF दर के बराबर मिलेगा।

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