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सेहत का ख़्याल: कितनी देर से पचता है खाना, क्या जरूरी है सेहत के लिए फाइबर, खाने को लेकर पाचन क्रिया की प्रतिक्रिया।

सुबह से रात तक हम बहुत कुछ खाते रहते है जो भी हमारा दिल चाहता है वो सब कुछ ही खाया पिया करते है पर क्या आप जानते है कि हम लोगो का मन किया और हमने खा लिया पर इसको पचाने का काम तो हम लोगो के पेट को करना पड़ता है। इसका एक उदाहरण को देखा जाए तो इससे पहले नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में हर दूसरे इंसान को क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन एक आम समस्या होती है, पर यही लोग जानते है कि 79% लोगों को क्रॉनिक कब्ज की शिकायत रहती है, 10% को यह समस्या कभी-कभी होती है और 10% को अक्सर होती रहती है वहीं पुरुषों की तुलना में महिलाएं क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन का शिकार ज्यादा होती रही है।

पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए 10 टिप्स।

एक साथ ज्यादा न खाएं,

डिनर हल्का लें,

खूब फिजिकल एक्टिविटी करें,

फाइबर रिच फूड लें,

चीनी से परहेज करें,

हरी सब्जियां और फल खाएं,

ट्रांस फैट और अल्ट्राप्रॉसेस्ड फूड से दूर रहें,

खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं,

खाना धीरे-धीरे और खूब चबाकर खाएं इससे पाचन तंत्र दुरुस्त रहेंगे।

10 सबसे आसानी से पचने वाले फूड। 

राइस (चावल),

केला,

ओट मील,

ब्रॉकली टमाटर, चुकंदर,

हरी सब्जियां,

गाजर मूली, शकरकंद,

उबले अंडे,

योगर्ट या दही,

लिक्विड फूड आदि शामिल है।

हमारा डायजेस्टिव सिस्टम ऐसे काम करता है कि_  पचाने का पहला काम मुंह से ही शुरू हो जाता है जैसे की हमारे मुंह में जो स्लाइवा (लार) है जोकि फूड के स्टार्च को ब्रेक करने का काम करता है इसलिए स्लाइवा में मौजूद एंजाइम्स का काम है फूड डायजेशन की प्रक्रिया को करना है।

हमारे शरीर में इसोफेगस यानी भोजन की नली के दोनों छोरों पर मसल्स का बना एक दरवाजा होता है ये दरवाजा तब खुलता है जब यह भोजन पहुंचता है क्योंकि एक दरवाजा मुंह के सिरे पर और दूसरा अमाशय के सिरे पर है।

जब खाना इसोफेगस से गुजरते हुए पेट में पहुंचता जाता है तो  यहां पेट में तीन एंजाइम हाइड्रोक्लोरिक एसिड, म्यूकस और पेप्सिन नाम के रिलीज होते है। 

फाइबर की जरूरत।

शरीर में मौजूद दो तरह की आंत रहती है छोटी, बड़ी। छोटी आंत में जो एब्जॉर्व होने से बचता हैवो बड़ी आंत में पहुंचता जाता है ये बात फाइबर के लिए है बड़ी आंत में अरबों की संख्या में माइक्रोब्स मौजूद होते है। बात अगर माइक्रोब्स की है तो ये अरबों बैक्टीरिया, जो हमारे पेट में ही रहते हैं, खाते, सोते करते हैं और इससे बदले में ढेर सारा पोषण देते है अगर उन्हें अपना फेवरेट फूड फाइबर खाने को न मिले तो वो पेट की म्यूकस लेयर को ही खाने लगते जाते है इसलिए उन्हें फाइबर खिलाना और खुश रखना बहुत जरूरी है। ये वजह है कि भोजन में ढेर सारा फाइबर होना चाहिए।

खाना पचने का समय।

साधारण तौर पर देखा जाएं तो भोजन को पचने में 24 से 72 घंटे का समय लग जाता है यह इस बात पर निर्भर होता है कि आपने किस तरह का भोजन किया और कितनी मात्रा में खाया है।

पेट में सबसे देर से पचने वाला भोजन। जैसे_ 

डेयरी प्रोडक्ट्स,

मांस-मछली,

जंक फूड,

फ्रेंच फ्राइज,

डीप फ्रायड और मसालेदार खाना और

हाई फैट फूड आदि शामिल है।

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