वीडियो स्टीमिंग: बिना इंटरनेट और सिम कार्ड के करें वीडियो स्टीमिंग, 19 शहरो में डायरेक्ट टू मोबाइल का ब्रांडकास्ट तकनीक का होगा ट्रायल।
अभी तक आप लोगो ने सिम कार्ड या इंटरनेट कनेक्शन होने पर अपने मोबाइल पर वीडियो स्ट्रीम किया होगा पर अब इसके अलावा भी आप लोग अपने फोन पर ही वीडियो स्ट्रीम कर सकते है इसके लिए डायरेक्ट-टू-मोबाइल (Direct-to-mobile) ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी पर काम हो रहा है।
ऐसे काम करेंगी डी2एम टेक्नोलॉजी।
मोबाइल पर ऐसे टेक्नोलॉजी से जिस पे एफएम रेडियो प्रसारित किया जाता है क्योंकि यह ब्रॉडबैंड और ब्रॉडकास्ट का मिश्रण है। डी2एम ऐसे काम करेंगे पहले जैसे फोन में लगा रिसीवर रेडियो फ्रीक्वेंसी पकड़ेगा फिर इसके लिए 526-582 मेगाहर्ट्स बैंड का प्रयोग करने की तैयारी की जायेंगी वैसे अभी इस बैंड का उपयोग अभी टीवी ट्रांसमीटर के लिए किया जाता है।
जिस तरह बिना इंटरनेट के घर पर टीवी चैनलों का आनंद लेते हैं इस तरह से मोबाइल फोन पर बहुत ही कम दाम में बिना किसी डेटा खर्च कियें OTT कंटेंट देख सकते है ये टेक्नोलॉजी डी2एच की तरह है।
क्या ढेर सारा कंटेंट रहेगा फ्री।
देश में D2M प्रसारण और 5जी कन्वर्जेंस रोडमैप पर एक श्वेतपत्र में पब्लिश किया गया था इसमें ब्रॉडकास्टर D2M नेटवर्क से क्षेत्रीय टीवी, रेडियो, एजुकेशनल कंटेंट, इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम, आपदा से जुड़ी सूचनाएं और वीडियो के अलावा डेटा से चलने वाले ऐप की सुविधा उपलब्ध रहेंगी।
मोबाइल ऑपरेटरों की बड़ी चुनौती।
D2M के आने से मोबाइल ऑपरेटर का विरोध करना संभाविक है क्योंकि D2M से उनका डेटा रेवेन्यू प्रभावित रहेंगे
D2M को लेकर जल्द ही 19 शहरों में इसका ट्रायल किया जाएगा और इसके लिए 470-582 मेगाहर्ज स्पेक्ट्रम को रिजर्व रखा जायेगा जोकि टेलीकॉम कंपनियों से इस संबंध में बातचीत जारी है। इसके अलावा 5G नेटवर्क पर भी आसर इसका देखने को मिलेगा क्योंकि जब वीडियो ट्रैफिक का 25-30% D2M पर ट्रांसफर होगा तब इसका 5G नेटवर्क पर भीड़ का असर दिखाई देगा।
2026 तक देश में 100 करोड़ स्मार्टफोन यूजर।
चंद्रा के अनुसार D2M टेक्नीक देशभर में लगभग 8-9 करोड़ घरों तक पहुंचने में सहायक साबित हुए है क्योंकि अनुमान था देश के 28 करोड़ घरों में से केवल 19 करोड़ के पास टेलीविजन सेट मौजूद रहा है वर्तमान में स्मार्टफोन के 80 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं जोकि 2026 तक 100 करोड़तक होगे।
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