Image description

वन नेशन वन इलेक्शन: नवंबर दिसंबर में वन नेशन वन इलेक्शन बिल आयेगा, बिल के प्रस्ताओं को कैबिनेट ने दी मंजूरी, संसद के दोनो साधनों के चुनाव साथ।

वन नेशन वन इलेक्शन आज कल काफी चर्चा है विषय बना हुआ है जिसका मतलब है कि देश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव हो। इसको लेकर अब बुधवार को केद्रीय मंत्री में जो प्रस्ताव रखा गया था उसको केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी और अब ये बिल शीतकालीन सत्र यानी नवंबर-दिसंबर में संसद में पेश किया जाएगा।

इसके मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट मीटिंग अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 'पहले फेज में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ होंगे। इसके बाद 100 दिन के भीतर दूसरे फेज में निकाय चुनाव साथ कराए जाएं।

वन नेशन वन इलेक्शन पर करी गई प्रक्रिया।

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 14 मार्च को पैनल 2 सितंबर 2023 को बनाया गया था राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी ये रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों में थी।

कोविंद पैनल के 5 सुझाव।

1. राज्य विधानसभाओं के सभी का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाने को है।

2.कोविंद पैनल के सुझाव रहें के हंग असेंबली जैसे कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराएं जा सकेंगे।

3. इसके लिए एक फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एकसाथ कराए जाने का सुझाव है और इसके बाद ही दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं।

4. सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करने के लिए चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों, राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श के बाद काम किया जाने को है।

5. कोविंद पैनल ने एकसाथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश को रखा है।

वन नेशन वन इलेक्शन से लाभ।

एक देश-एक चुनाव प्रक्रिया लागू हो जाने से कई राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल घट जायेगा और इसके साथ जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के आखिर में हो चुके है  उनका कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है। इसकी रिपोर्ट में यह बताया गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा, दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव करवाए जा सकते है।

पहला चरण में 6 राज्य, वोटिंगः नवंबर 2025 में।

बिहार में मौजूदा कार्यकाल पूरा होगा। बाद का साढ़े तीन साल ही रहेगा। असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी मौजूदा कार्यकाल 3 साल 7 महीने घटेगा। जब विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा। 

दूसरा चरण में 11 राज्य, वोटिंगः दिसंबर 2026 में, उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंडः मौजूदा कार्यकाल 3 से 5 महीने घटेगा। उसके बाद सवा दो साल रहेगा।

गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुराः मौजूदा कार्यकाल 13 से 17 माह घटेगा और बाद का सवा दो साल रहेगा। इन दो चरणों होने के बाद देश की सभी विधानसभाओं का कार्यकाल जून 2029 में समाप्त होगा। ।

एक देश-एक चुनाव समिति का काम।

संविधान और अन्य कानूनी ढांचे के तहत लोकसभा, विधानसभा, नगर पालिका और पंचायतों के चुनाव साथ कराने की संभावना तलाशना ।

इसके लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम व अन्य नियमों में संशोधन की जांच और उसकी सिफारिश करना। अगर संविधान संशोधन के लिए राज्यों के समर्थन की जरूरत हो तो उसकी सिफारिश करना।

चुनाव के बाद अगर सदन त्रिशंकु हो, दल-बदल हो या फिर अविश्वास प्रस्ताव के कारण कोई स्थिति बने तो उसके समाधान की तलाश करना।

एक साथ चुनाव का फ्रेमवर्क देना, अगर एक साथ चुनाव नहीं हो सकता तो ऐसा करने के लिए चरणों और समय- सीमा का सुझाव और अन्य जरूरी सिफारिशें करना।

एक साथ चुनाव शुरू होने के बाद यह चक्र न टूटे इसके लिए जरूरी सुरक्षा उपायों और संविधान संशोधनों की सिफारिश करना।

एक साथ चुनाव कराने के लिए ईवीएम, वीवीपीएटी, मैन पावर सहित अन्य जरूरतों का आकलन।

पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक के लिए एकल वोटर लिस्ट और वोटर आईडी को बनाए जाने की सिफारिश करना।

Views