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अखाड़ा परिषद की बहस: क्या प्रयागराज मेले से शाही शब्द हटाने की शुरुआत करी जायेंगी, कुम्भ में शाही की जगह राजसी स्नान।

शाही सवारी के शाही शब्द पर आपत्ति जताए जाने के बाद अब कुम्भ के शाही स्नान को हटाने की बात पर बहस छिड़ हुई है इस शब्द से संत-महंत के विरोध में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने इससे बात को लेकर कहा, कुम्भ के स्नान से शाही शब्द हटाने की शुरुआत प्रयागराज से कर सकते हैं।

मेले का आयोजन।

13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में पूर्ण कुम्भ मेला प्रारंभ होगा और इसके बाद ही उज्जैन में कुम्भ 2028 में होना है। इससे पहले भी प्रयागराज में 13 जनवरी से 24 अप्रैल, 2025 तक पूर्ण कुम्भ मेला आयोजित होगा बता दे कि कुम्भ का आयोजन हर 12 साल में एक बार किया जाता है और इससे पहले भी 2013 में प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन किया गया था।

स्नान की तारीखे।

प्रयागराज कुम्भ की शाही स्नान करने पर जो भी तारीखों पर विचार किया गया था इसका ऐलान हो चुका है। जैसे कि मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025, मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025, बसंत पंचमी 3 फरवरी 2025, माघी पूर्णिमा 12 फरवरी 2025, महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को शाही स्नान किया जायेगा अब ये देखना है कि संत समाज इस स्नान को क्या नाम देयेंगा।

शाही शब्द पर अखाड़ा परिषद का रुख।

शाही शब्द को उर्दू भाषा से लिया गया है जबकि देखा जाएं तो शाही और राजसी में कोई अंतर नहीं है इसे हिंदी में राजसी किया जाने को है 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर राजसी या दूसरे नाम पर भी विचार विमश करने को है आने वाले कुम्भ मेले से इसकी शुरुआत हो सकती है।

शैव संन्यासी सम्प्रदाय के 7 अखाड़े।

श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी

श्री पंच अटल अखाड़ा

श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी

श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती

श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा

श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़ा

श्री पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा।

बैरागी वैष्णव सम्प्रदाय के 3 अखाड़े है। जैसे कि 

1 श्री दिगम्बर अनी अखाड़ा

2 श्री निर्वाणी अखाड़ा

3 श्री पंच निर्मोही अनीअखाड़ा

उदासीन सम्प्रदाय के अखाड़े।

श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा

श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन

श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा।

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