सक्सेस स्टोरी: 11 करोड़ का बिजनेस 21 साल की उम्र में सभाले 5 साल से किया शुरू, 12 पास विद्यार्थी ने सभाला।
पुणे शहर में एक ऐसा वक्ति जो पत्र 21 साल की उम्र में ही 11 करोड़ का बिजनेस संभाला बात कर रहे हैं हम लोग पुणे शहर के देवेश कुमार वक्त की, जोकि 12 का विद्यार्थी था पर बहुत कम उम्र में ही उसने करोड़ों का बिजनेस संभाल लिया केवल का एनर्जी ड्रिंक बनाने के आइडिया से। जब की देवेश की फैमिली की बात करें तो देवेश कोई रिच फैमिली से नही है उनके पापा की एक छोटी से वेल्डिंग शॉप थी।
ड्रिंक बनाने का तरीका।
देवेश जब भी अपने दोस्तो के साथ घूमने जाता या बैठता था सभी दोस्त एनर्जी ड्रिंक पीते थे देवेश को ड्रिंक बिजनेस करने का आइडिया वहा से आया और देवेश ने इसका बिजनेस सोचा लेकिन इसमें इस्तिमाल को ने वाले ब्रांड क्वॉलिटी महगी हो रही है क्योंकि इस तरह की ड्रिंक विदेशी कंपनी बनाती है और वही यह इस्तिमाल करी जाती है तब देवेश को आइडिया आया था कि वो यूट्यूब से देख कर इसको बनाने की कोशिश करी और इसको हर बार इनप्रिव करते रहें इस तरह आज बेहतर तरीके से एनर्जी ड्रिंक में अपना बिजनेस बेहतर बनाया।
एनर्जी ड्रिंक से कमाई का आइडिया।
जब भी ये दोस्तों के साथ घूमने जाता था तब एनर्जी ड्रिंक जरूर पिया करता था पर यह महंगा होता है, इस वजह से कई बार ये सोच कि काश अफोर्डेबल रेंज में एनर्जी ड्रिंक बना बनाता।
ट्रेनिंग।
तब देवेश ने यूट्यूब से देखकर एनर्जी ड्रिंक के इंग्रेडिएंट्स के बारे में जाना और कुछ कंपनियों को अप्रोच किया, जो एनर्जी ड्रिंक की रेसिपी बनाती हैं इसमें कैफीन, टॉरिन के अलावा इनोसिटोल भी शामिल होता है।
फंड।
देवेश के पापा की वेल्डिंग शॉप और उन्होंने लोन लेकर एनर्जी ड्रिंक बिजनेस के लिए 5 लाख रुपए देवेश को दिए फिर गुजरात की एक कंपनी से करीब 500 डिब्बे बनवाए थे।
मार्केटिंग।
इस ड्रिंक को सोशल मीडिया और इंफ्लूएंसर्स के माध्यम से प्रमोट करते थे डिस्ट्रीब्यूशन चेन के जरिए ऑफलाइन सेल करते हुए सबसे पहले महाराष्ट्र के नासिक से प्रोडक्ट बेचना शुरू किया था।
बिजनेस मॉडल।
इसके लिए थर्ड पार्टी वेंडर प्रोडक्ट तैयार करता रहा है फिर इसे वेयरहाउस में लाया जाता है एक डिब्बे की कीमत 28 रुपए के करीब आती और मार्केट में 60 रुपए में बिकने को हर महीने 45 लाख रुपए की सेल होती रही थी।
नोट- किसी भी आर्टिफिशियल एनर्जी ड्रिंक का इस्तेमाल करना सेहत के लिए हानिकारक होता है।
एनर्जी ड्रिंक के इंग्रेडिएंट्स।
कैफीन- यह चाय, कॉफी, कोको में पाया जाने वाला एक नेचुरल एलिमेंट है। यह ब्रेन और बॉडी के बाकी ऑर्गन्स को एक्टिव करता है।
शुगर - मिठास के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
टॉरिन- यह एमिनो सल्फोनिक एसिड होता है। टॉरिन शरीर में प्रोटीन को बनाने में मदद करता है।
इनोसिटोल- यह एक केमिकल होता है, जो बॉडी में मौजूद सेरोटोनिन हार्मोन के लेवल को बढ़ाता है। इससे इंसान को खुशी मिलती है। कार्बन डाइऑक्साइड- यह पानी में घुलकर कार्बोनिक एसिड बनाता है और इसी कार्बोनिक एसिड की वजह से ड्रिंक बुलबुला छोड़ता है।
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