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कैडबरी का इतिहास 200 साल पुराना: कैडबरी चॉकलेट को 200 साल पहले शुरू किया गया था, आज इसका नेटवर्थ कम से कम 100 से ज्यादा देशों में मौजूद है।

इस माह 4 मार्च को कैडबरी ने अपने 200 साल पूरे करें इस कैडबरी कंपनी का भारतीय मार्केट में 100 से भी ज्यादा देशों में कारोबार कर लेने पर यह इंडियन मार्केट में भी काफी दबदबा सा रहा है और इसलिए शायद चॉकलेट्स मार्केट में कैडबरी का शेयर 60 % तक का रहा है बात करें इसकी नेटवर्थ की तो कैडबरी की नेटवर्थ 31 हजार करोड़ की है जोकि दुनिया भर में हशहूर है।

1824, लंदन में बिजनेसमैन जॉन कैडबरी और उनके भाई बेंजामिन कैडबरी ने साथ मिलकर बर्मिंघम के बुल स्ट्रीट में किराए की दुकान ली थी और अपनी इस स्टोर का नाम कैडबरी ब्रदर्स रखा था अपने दुकान के शुरवाती दोनों में दोनो भाइयों ने ड्रिंकिंग चॉकलेट बेचना शुरू किया जिससे उनको अच्छा-खासा फायदा मिला फिर इसके 30 साल बीत जाने के बाद 1854 में दोनों भाइयों ने लंदन में ही एक नया दफ्तर खोल लिया इस बिजनेस में कुछ उतार चढाव भी आते रहें तब भी दोनो भाई इसकी ग्रोथ में लगे रहें।

पहले जॉर्ज कैडबरी ने बॉर्नविलेज ट्रस्ट की स्थापना करी थी इस ट्रस्ट के जरिए उन्होंने पूजा स्थल, खुली जगहें, खेल सुविधाएं, अस्पताल और स्कूल की व्यवस्था को मजबूत किया जोकि आज भी ट्रस्ट कायम है हर साल जून में बॉर्नविलेज फेस्टिवल भी होता रहता है।

डेयरी मिल्क नए की चाह।

1897 की बात है जब जॉर्ज कैडबरी डार्क चॉकलेट के साथ कुछ नया बनाने के प्रयोग को महत्व दे रहें थे उन्होंने कोको, चीनी और मिल्क पाउडर को मिक्स करके इसको टेस्ट किया इसका स्वाद कमाल का था इस दमदार स्वाद के कारण इसको काफी प्रायोरिटी दी जाने लगी और कैडबरी की यह चॉकलेट एकदम अलग तरह की चॉकलेट के रूप में विकसित होने लगी। जबकि 1905 में कंपनी ने डेयरी मिल्क को लॉन्च कर दिया।

कैडबरी के ऐड का विस्तार।

कैडबरी लॉन्च होने के बाद इसके ऐड ने काफी लोगो की सोच में बदलाव किया इसकी एक वजह भारत के बाजार में कैडबरी अपने नाम को काफी बना चुकी थी। इस बच्चों की भी बहुत फेवरेट बन चुकी थी। पर जब भी बच्चो के दांतो की कोई समस्या होती थी तो इनके पेरेंट्स इनको दांतों की कैविटी का कारण चॉकलेट बताई जाती थी डॉक्टर्स की इस एडवाइस का असर ये हुआ कि कैडबरी की सेल्स में 15 प्रतिशत की गिरावट आ गई।

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