रामलला का सूर्य तिलक: रामलला का हुआ सूर्य तिलक अयोध्या के पुजारी से जाने की कैसे घर में करें पूजा का कार्यकर्म, क्या है पूजा करने का तरीका।
रामनवमी के दिन अयोध्या में दोपहर 12 बजे के समय रामलला का सूर्य तिलक किया गया ये परंपरा है कि श्रीराम के जन्मदिन पर पूजा और व्रत किया जाता है यह पूजा करने के लिए करीब ढाई घंटे का एक ही मुहूर्त निकला था जो सुबह 11:05 से दोपहर 1:35 बजे तक का था वाल्मीकि रामायण के अनुसार त्रेतायुग में इस समय श्रीराम का जन्म हुआ था। 1992 से रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास और मौजूदा पुजारी पं. संतोष तिवारी से आसानी से पूजा विधि जानने के लिए इसको लिखवा या गया है। इस विधि को जानने के बाद आप घर में ही श्रीराम की पूजा कर सकते हैं।
व्रत, दान, दीपक से लगाकर मनाते हैं रामनवमी।
सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई कर घर में गंगाजल छिड़कते हैं। चंदन का तिलक लगाते हैं और पीले या भगवा रंग के कपड़े पहनते हैं। जरूरतमंद लोगों को दान देने और व्रत करने का संकल्प लेते हैं और रामजन्म की खुशी में शंख बजाते हैं। घर-मंदिरों को झंडे और वंदनवार से सजाते हैं इस के साथ श्रीराम-सीता, लक्ष्मण और हनुमानजी की पूजा करते हैं और दिनभर उपवास रखते हैं फिर मंदिर में मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद बांटते हैं और शाम को घर आंगन में दीपक जलाते हैं।
रामलला की पूजन विधि।
भगवान राम-सीता, लक्ष्मण और हनुमानजी की मूर्तियों को जल और पंचामृत से नहलाएं जाता है, चंदन और रोली का तिलक लगाएं और चावल और फूल चढ़ाएं। धूप- दीप दर्शन कराएं मौसमी फल और मिठाई का नैवेद्य लगा सकते हैं, फिर आरती करके प्रसाद बांटें। राम नाम का जाप या राम रक्षास्तोत्र का पाठ करें। श्रीराम चरितमानस की चौपाइयों का पाठ कर सकते हैं इस पर्व पर हनुमान जी की विशेष पूजा भी की जाती है, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं।
5 Comments
LEAVE A REPLY
Your email address will not be published