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एमपी में स्कूल पॉलिसी: शिक्षा विभाग ने एमपी के लिए स्कूल पॉलिसी जारी करी,अब दूसरी क्लास तक होमवर्क नही मिलेगा, एक दिन नो बैग। मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी स्कूलों में नो बैग डे रखा गया है इसको सरकारी और प्राइवेट स्कूलों दोनो तरह के स्कूलों की व्यवस्था बनाया गया है। सख्ती से पालन किया जायेगा, बैग पॉलिसी का। नई शिक्षा पॉलिसी के निर्माताओं का कहना है कि इस नीति में बैग पॉलिसी का सकती से पालन किया जायेगा इस जानकारी को आयुक्त लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव ने बताया गया है। बस्ते के वजन की सीमा हुई तय। किस कक्षा में कितनी बस्ते के वजन की सीमा होगी ये तह किया गया है ये भी हुआ तय: पहली,1.6 से 2.2 किग्रा दूसरी,1.6 से 2.2 किग्रा तीसरी,1.7 से 2.5 किग्रा चौथी,1.7 से 2.5 किग्रा पांचवीं,1.7 से 2.5 किग्रा छठवीं,2.0 से 3.0 किग्रा सातवीं,2.0 से 3.0 किग्रा आठवीं,2.5 से 4.0 किग्रा नवमी,2.5 से 4.5 किग्रा दसवीं,2.5 से 4.5 किग्रा 11वीं-12वीं शाला प्रबंधन समिति तय करेगी। DEO करेंगे बस्ते की जांच। एमपी में जारी हुई ये स्कूल बैग पॉलिसी के मुताबिक बैग का कितना वजन होगा इसकी जांच हर तीन माह में करी जायेंगी, इसकी जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को सौंपी गई और इसके नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई करी जायेंगी। नोटिस बोर्ड पर चार्ट होगा प्रदर्शित। इस पॉलिसी के मुताबिक पहली क्लास के विद्यार्थी के बस्ते का बोझ 1.6 से 2.2 किलो ग्राम होना चाहिए जबकि 10वीं के विद्यार्थियों के बस्ते का बोझ 2.5 से 4.5 किलो ग्राम से अधिक नहीं होगा। बिना पुस्तक के लगाई जाने वाली कक्षाएं। कम्प्यूटर, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, खेल और कला की कक्षाओं में पुस्तकें का होना जरूरी नही रखा गया है इस पर विभाग ने कहा है कि यह कक्षाएं बिना पुस्तकों के होगी। कक्षाओ का समय होगा निर्धरित। इस पॉलिसी में हर कक्षाओ के लिए अलग अलग समय का निर्धरित किया गया है इसमें कक्षा 3 से 5 के विद्यार्थियों को प्रति हफ्ते 2 घंटे, छठवीं से आठवीं के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 1 घंटे के लिए जबकि नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 2 घंटे का होम वर्क देने की योजना बनाई गई है, इसके साथ स्कूल वालो को अपने नोटिस बोर्ड पर जिस क्लास का जो शेड्यूल होगा उसको लगाना होगा।

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