रामलाल की प्रतिभा: कर्नाटक के नीले पत्थर से बनाई गई प्रतिभा 51 इंच की प्रतिभा, गर्भगृह में विराजने को तैयार।
बीते शुक्रवार 29 दिसंबर को अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की प्रतिमा का चयन किया गया इस बैठक के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने 3 प्रतिमाओं के लिए अपना मत लिखित रूप से महासचिव चंपत राय को सौपा, इसके बाद चंपत राय ने जानकारी दी कि गर्भगृह में रामलला की 51 इंच लंबी प्रतिमा को स्थापित किया जायेगा
और इस प्रतिमा में रामलला को खड़े देखा जायेगा प्रतिमा ऐसी है जो राजा का पुत्र, विष्णु का अवतार लगेगा जिसको गर्भगृह में रामलला कमल के फूल पर विराजमान किया जायेगा, कमल के फूल के साथ उनकी लंबाई करीब 8 फीट की रहेंगी इस पूरे प्रोजेक्ट को 2024 के आखिर तक पूरा हो जाने की उम्मीद करी जा रही है।
रामलला का मंदिर के बारे में।
रामलला के मंदिर के बारे जानकारी है कि इसमें मंजिल तीन, मंडप 5, खंभे 318, ऊंचाई 161 फिट,14.6 फीट का एक खंभा,
लंबाई 360 फीट, मंदिर 10 एकड़ में मंदिर परिसर 57 एकड़ में बसा होने के साथ इसकी चौड़ाई 235 फीट में है इसके साथ मंदिर के चारों ओर पत्थर की मूर्तियों से वाल्मीकि रामायण की घटनाएं बताई जाएंगी।
योगीराज ने किया निर्माण।
योगीराज ने ही जगद्गुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया था। उन्होंने ने ही शंकराचार्य की प्रतिमा बनाई थी, इसको केदारनाथ में स्थापित किया गया है।
नीले रंग पत्थर की प्रतिमा का चयन।
जानकारी है कि नीले पत्थर से रामलला की प्रतिमा को तैयार किया जायेगा इसके साथ रामलला की तीन प्रतिमाओं का निर्माण 3 मूर्तिकारों गणेश भट्ट, योगीराज और सत्यनारायण पांडेय ने तीन पत्थरों से करवाया जाएंगे। इससे पहले सत्यनारायण पांडेय की प्रतिमा श्वेत संगमरमर की बनी हुई है जोकि शेष दोनों प्रतिमाएं कर्नाटक के नीले पत्थर की है।
कॉरिडोर में कुल 6 मंदिरो का निर्माण।
गणेश मंदिर, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, सूर्य मंदिर, दुर्गा मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर बसा हुआ है।
क्या खासियत है मंदिर के कॉरिडोर की।
कॉरिडोर का परिक्रमा पथ 12 फीट चौड़ा होगा और सुरक्षा कारणों से बाहरी दीवार को मजबूत बनाया जाएगा। इसका भीतरी दीवार पर पीतल के भित्ति चित्रों पर सनातन धर्म की जानकारी दी जाएंगी।
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