न्याय यात्रा: भारत जोड़ी यात्रा के बाद अब राहुल गांधी ने शुरू करी न्याय की यात्रा, मणिपुर से मुंबई तक चलेंगी ये यात्रा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले साल 2022 में 7 सितंबर से कन्याकुमारी से लेकर श्रीनगर तक 30 जनवरी 2023 में समाप्त लिया था। इस भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब राहुल गांधी भारत न्याय यात्रा निकलने की योजना बनाएं हुए है।राहुल की इस न्याय यात्रा को मणिपुर से मुंबई तक निकले जाने की योजना है इस न्याय यात्रा को 14 जनवरी से शुरू करने की योजना है जोकि मल मास ख़त्म होते ही जारी करी जायेंगी।
देखा जाएं तो भारतीय राजनीति में अब यात्राओं का दौर नही रहा है लेकिन फिर भी अच्छी की बात है कि राहुल गांधी इस तरह के दौर को वापस ला रहें है।
राहुल के दौर करी जा रही इस तरह की लंबी यात्राओं से विभिन्न क्षेत्रों और वहाँ के लोगों उनसे जुड़े रीति- रिवाजों को जानने का मौक़ा मिलता है। परंतु पॉलिटीशियन के लिए ये जरूरी भी है की वा इस तरह के काम करें और भारत के अलग अलग राज्यों को जाने, उन लोगों से जुड़ी समस्याओं का भलीभाँति जान कर सके लेकिन इसका एक और महत्व सत्ता से जुड़ा हुआ है। अगर इस तरह की यात्रा करने वाले नेता की सरकार सत्ता में नही भी है तो भी वा इस दिशा में कोशिश कर सकते है, सत्ता या सरकार में न हों तब भी विपक्ष में रहकर वे लोगों की समस्याओं को संसद या विधानसभा में उठा सकते हैं।
पिछली यात्रा का उद्देश।
राहुल गांधी की पिछली यात्रा के दौरान उन्होंने ज़रूर अलग- अलग क्षेत्रों और लोगों को समझा होगा, लेकिन उस यात्रा का उनकी पार्टी को कोई राजनीतिक लाभ हुआ। राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही, कांग्रेस गुजरात चुनाव में बुरी तरह हारी थी और अब इसके बाद कांग्रेस को राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। जबकि तेलंगाना में पहली बार कांग्रेस की सरकार बनी है पर कांग्रेस ने दो राज्य छत्तीसगढ़ और राजस्थान गँवाने दिए है, अब इनकी भारत न्याय यात्रा शुरू होने जा रही है।
यात्रा का क्षेत्र।
भारत न्याय यात्रा का क्षेत्र 14 दिन-67 दूरी- 6200 Km का कहा जा रहा है ये राज्यो राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम,नगालैंड,गुजरात,मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़,झारखंड प. बंगाल,ओडिशा,मेघालय,मणिपुर,महाराष्ट्र आदि होगे।
साल 2024 मार्च में लोकसभा चुनाव शुरू है ये चुनाव लगभग मार्च से मई के बीच होयेंगे। फिलहाल के लिए अब राहुल की इस यात्रा को लेकर या सवाल है कि पार्टी कार्यकर्ताओं में यात्रा की लिए राहुल गांधी को ही आगे क्यों कर दिया जाता है जबकि कांग्रेस पार्टी में काफी बड़े- बड़े और अनुभवी नेता मौजूद है वे कभी कोई यात्रा क्यों नहीं करते है शायद ऐसा हो की कांग्रेस पार्टी कभी सत्ता में आएँ तो वे ही देश का नेतृत्व करें ऐसा उद्देश्य हो सकता है। इसके लावा भी ऐसा हो सकता है कि कोई अन्य नेता आगे आकर पार्टी में कार्यकर्ताओं को करके जोश दी लाएं तो इसका लाभ पार्टी को हो सकता है जैसे की मध्यप्रदेश के 2018 के चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने भी यात्रा की थी और पार्टी को जीत दिलाई थी।
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