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फेक वीडियो : AI के लिए कुछ ही सेकंड का काम डीपफेक इसके शिकार लोग कैसे बचे इससे, क्या होता है डीपफेक, रश्मिका का वीडियो हुआ वायरल।

हाली में इंस्टाग्राम सेलिब्रिटी जारा पटेल के असली वीडियो को लेकर दूसरी तरफ डीपफेक टेक्नोलॉजी से रश्मिका मंदाना का नकली चेहरा लगाकर फेक वीडियो बनाया गया, जब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया रश्मिका के इस फेक वीडियो को हजारों लोगों ने असली समझ लिया क्योंकि उसमें दिख रहे एक्सप्रेशन बिल्कुल रियल लगते हैं। इस वीडियो को लेकर सभी ने हैरानी जताते हुए रश्मिका ने ट्विटर पोस्ट पर लिखा कि,'ईमानदारी से कहूं तो ऐसा कुछ न केवल मेरे लिए, बल्कि हममें से हर एक के लिए बेहद डरावना है अगर मेरे साथ ये तब हुआ होता, जब में स्कूल या कॉलेज में थी, तो मैं इससे निपटने का सोच भी नहीं सकती थी।'

क्या होता है डीपफेक,कैसे बनाया जाता है।

सबसे पहले 2017 में अमेरिका के सोशल न्यूज एग्रीगेटर Reddit पर डीपफेक आईडी बनाई थी इसमें पहली बार कई सेलिब्रिटीज के वीडियो पोस्ट हुए इसमें एक्ट्रेस एमा वॉटसन, गैल गैडोट, स्कारलेट जोहानसन के कई पोर्न वीडियो थे। जब इसमें कई रियल वीडियो को एडिटिंग कर फोटो या ऑडियो में दूसरे के चेहरे, आवाज और एक्सप्रेशन को फिट कर इतनी सफाई से असली बनाया जाता है इसको डीपफेक नाम दिया गया था।  

मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वीडियो और ऑडियो को टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर की मदद एडिटिंग के दी जाती है।

AI और साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि वर्तमान टेक्नोलॉजी में रेडी टु यूज टेक्नोलॉजी के साथ आवाज को इम्प्रूव किया जा सकता इसके अंदर वॉयस क्लोनिंग बेहद खतरनाक हो गई है।

क्या है रियल या डीपफेक।

1.डीपफेक वीडियो को पहचान कर तारीख है कि चेहरे पर ध्यान रखे क्योंकि डीपफेक में हमेशा चेहरे के भाव बदलते रहते हैं।

2.डीपफेक की पहचान ये है कि गालों और माथे पर फॉक्स रखे

स्किन बहुत चिकनी या बहुत झुर्रीदार दिखाई देगी।

3.आंखों और भौहों पर ध्यान दें बॉडी की शैडो को नोट करें कि सही जगह पर पड़ रही हैं या नहीं 

4.होठों की हरकत पर ध्यान देना जरूरी देखे होठों की हरकत नेचुरल है या नहीं, कुछ डीप फेक लिप सिंकिंग पर आधारित होते हैं।

5.चेहरे के मस्सों या तिल पर रखे फोकस इस बात पर कि चेहरे के हेयर असली दिखते हैं या नहीं। कही बार किसी फेक वीडियो में कई बार चेहरे के किनारों पर चमक होती है जिसे साइडबर्न कहते हैं।

6.पलक झपकने का सही तारीख को जाने क्या व्यक्ति पर्याप्त या बहुत अधिक पलकें झपकाता है।

7.चश्मे की परछाइयां को देखे और जाने की वो वीडियो के माहौल से मेल खा रही हैं या नहीं।

भारत में कानून का न होना, इससे निपटने का तारीख।

भारत में इसके लिए कोई कानून या नीति नहीं बनाई गई है इस तरह के मामलो की सुनवाई IT एक्ट के तहत की जाती है 

साइबर मामलो की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट और एडवोकेट की तरह भारत में इसे लेकर अलग से कानून नहीं बनाया गया है ऐसे वीडियो या जानकारी फैलाने वाले को IT एक्ट के तहत तीन से दस साल की सजा का प्रावधान है।

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