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रिलेशनशिप: 13 साल तक नहीं हो सकती पत्नी प्रेगनेंट, बर्थ कंट्रोल की ज़िमेदारी है महलाओ की, 1% से काम पुरुष करते है नसबंदी।

प्राचीनकाल में मिस्र देश का वो महान फैरो और ऊंचे पिरामिड सालो पुराना इतिहास है मिस्र देश को दुनिया के सबसे विकसित सभ्यताओं में गिना जाता रहा है लेकिन फिर भी इतना आधुनिक नहीं था कि गर्भनिरोधक गोलियां बना सके, पर प्यार और शारीरिक संबंध सदैव से बनते आये है कभी ऐसे मामले भी होते थे कि महिलाएं शादी से पहले गर्भ धारण कर लेती थी और इसको खत्म करने के लिए मगरमच्छ के मल का इस्तिमाल करती थी इसके लावा दूसरे देशों में नींबू, जैतून के तेल और पपीते बीज और छिलके का इस्तेमाल भी किया जाता है। 

बर्थ कंट्रोल पिल्स, कॉपर-टी, इंप्लान्ट्स ये सभी ऐसे गोलियां है जो 1960 के दशक से चलन में बनी हुई है पर हजारों सालो से गर्भनिरोधक के जो भी उपाय आजमाएं गए है वे सभी महिलाओं पर किया गया परिक्षण रहा है पुरुष कभी भी गर्भनिरोधक के झमेले में नही आए है क्योंकि वो शायद हमेशा से नसबंदी को नपुंसकता तो कंडोम में यौन सुख कम करने वाली रुकावट मानते रहे।

परिवार कल्याण मंत्रालय के आकड़ो के मुताबिक 2008 से 2019 के बीच 5.2 करोड़ लोग ऐसे है जिसने नसबंदी कराई 

इन आकड़ो में महिलाओं की हिस्सेदारी 97% रही थी जबकि पुरुषों में सिर्फ 3% ही नसबंदी का विकल्प चुनते है।

गर्भनिरोधक के अलग-अलग तरीकों में सफलता दर।

गर्भनिरोधक को रोकने के लिए 82% कंडोम, 94% गर्भनिरोधक गोलियां, 97.2% महिला नसबंदी, 99.02%पुरुषों का इंजेक्शन सोर्स, 98% Tकॉपर-टी सफल रही है।

महिलाओं की नसबंदी की सफलता दर 94 से 98% इसमें गर्भनिरोधक गोलियों से लेकर कॉपर टी सभी शामिल है महिलाओं पर जो भी गर्भनिरोधक तकनीक इस्तेमाल की जाती है वो शत-प्रतिशत कारगर नहीं है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों की नसबंदी सिर्फ 20 मिनट में पूरी की जाती है लेकिन महिलाओं में ऐसा करना जटिल प्रक्रिया है फिर भी 97% गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल महिलाएं करती है।

जनसंख्या वृद्धि, परिवार नियोजन योजना।

ऐसा देखा गया है कि भारत जैसे देश में जहा सबसे पहले परिवार नियोजन योजना बनाई गई लेकिन यह सबसे ज्यादा जनसंख्या और बढ़ती आबादी वाला देश बन चुका है जबकि 1952 से ही भारत परिवार नियोजन योजना लागू करने वाला दुनिया का पहला देश रहा है ऐसा होने का सबसे बड़ा कारण ये रहा कि परिवार नियोजन का बोझ सिर्फ महिलाओं के कंधे पर रहा है। क्योंकि भारत में सिर्फ 0.3% पुरुष ही नसबंदी कराते है जबकि 

अमेरिका और यूरोपीय देशों में ये आंकड़े 20 से 30% तक है। 

भूटान में 40% पुरुष कराते नसबंदी।

भारत के पड़ोस देश भूटान में महिलाओं की तुलना मे 40% से ज्यादा ऐसे पुरुष है जो गर्भनिरोधक के उपाय करते है और नसबंदी करवाते है इन उपायों में शामिल कंडोम को यौन सुख में रुकावट और नसबंदी को नपुंसकता मानने वाले समाज में 'Risug' इंजेक्शन एक विकल्प बनाया जाने की उम्मीद रखी गई है।

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