नमक से जुड़ा सेहत का रास: ज्यादा नमक का सेवन कर रहें भारतीय, एक ही साल में हुई 17 लाख लोगो की मौत, श्री देवी की मौत की वजह बनी उनकी डेट।
बॉलीवुड फिल्म निर्माता बोनी कपूर की स्वर्गीय पत्नी श्रीदेवी के बारे में एक इंटरव्यू बात करी जिसमें चौकाने वाला सच सामने आया है जिसमें उन्होंने बनाता कि श्रीदेवी की मौत का कारण उनकी डाइट रहें है।
बोनी कपूर ने बताया कि श्री देवी काफी फिट रहती थी और उनको शेप में रहने का शौक था इस वजह से उन्होंने अपने खाने में नमक खाना छोड़ दिया था क्योंकि उनको बीपी की शिकायत थी और उनको डॉक्टर्स ने कही बार कहा कि आप बहुत सीवियर डाइट मत लियें इसमें नमक नही जाया जाता है इस ही कारण नमक की कमी से श्री देवी की जान गई, यदि आप केवल सलाद खा रहे है तो भी उसमें थोड़ा सा नमक जरूर ले।
नमक का ज्यादा सेवन।
हाल ही में आई भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ICMR की रिपोर्ट में है कि भारतीय विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में खुलासा हुआ है कि भारतीय सुझाई गई मात्रा से ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं इस रिपोर्ट को मेडिकल जर्नल 'नेचर' में प्रकाशित किया गया इसके मुताबिक औसत भारतीय प्रतिदिन 8 ग्राम नमक का सेवन करते है जबकि WHO प्रतिदिन सिर्फ 5 ग्राम नमक खाने की ही सलाह देता है।
अश्येजनक बात ये भी है कि प्रत्येक 3 में से 2 लोग यह नही जानते कि ज्यादा नमक खाने के क्या क्या खतरे हैं।
इस तरह खाने में नमक की मात्रा को कंट्रील करें।
1.पैकेज्ड चिप्स, नमकीन आदि के सेवन में संतुलन रखे,
2.फास्ट फूड और जंक फूड से दूर रहें।
3.भरपूर फल और सब्जियां खाएं।
4.सोडियम के छिपे हुए स्रोतों से दूर रहें।
5.पैकेट का लेबल पढ़ें, सोडियम की मात्रा पर नजर रखें।
6.बाहर खाते समय नमक की मात्रा पर ध्यान दें।
7.खुद को हाइड्रेट रखें, पानी पीते रहें।
ज्यादा नमक के सेवन से बढ़ता है इन बीमारियों का खतरा। जैसे
हाई ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन,दिल से जुड़ी बीमारियां,पेट का कैंसर, कमजोरी होना, इंफ्लेमेशन,दिमाग का कॉग्निटिव फंक्शन कमजोर होना,किडनी से जुड़ी समस्याएं आदि होती है।
नोट: 1882 में 'इंडियन सॉल्ट एक्ट' बनाया गया था जोकि आज 'नमक कानून' के नाम से जाना जाता हैं इस कानून के आने से अंग्रेजों ने भारतीयों पर नमक बनाने पर रोक लगा दी थी इसके बाद ही गांधी के नेतृत्व में, नमक सत्याग्रह किया गया इसमें ही हजारों लोग को जेल जाना पड़ा था और पुलिस की लाठियां खाईं, तब कहीं जाकर एक चुटकी नमक हमारी थालियों तक पहुंचा हैं।
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