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भारतीय बाजार में बड़ा निवेश: भारत का बाजार दे रहा सबसे ज्यादा रिटर्न, निवेश करने के लिए चीन से ज्यादा आगे भारत 2040 तक 4 करोड़ युवा होगे वर्कफोस से जुड़े।

चीन, 2021मई माह में विदेशी निवेश अपने चरम पर रहा तब वहां पिछले 12 महीनों में 300 बिलियन डॉलर का लाभ रहा, इन माह देखा गया कि चीन का इंडेक्स अपनी अधिकतम ऊंचाई पर पहुंचा रहा और भारत में भी उस समय निवेश अपनी ऊंची पर रहा, लेकिन इस तरफ इसकी रफ्तार चीन की रफ्तार का 10वां हिस्सा बनी हुई थी बाद इसके देखा गया कि चीन के बाजार 50% तक गिरा वहीं दूसरी ओर भारत में 25% की बढ़त दर्ज हुई है।

भारती बाजार में तेजी के फैक्टर ज्यादा।

भारतीय बाजार में यदि पहला ही अच्छा रिटर्न मिल है तो इस बात की गारंटी नहीं होता है कि भविष्य में भी अच्छ रहेगा, लेकिन इस बात की संभावना ज्यादा होती है कि भारत की तेजी के पीछे जो फैक्टर रहे हैं वे आगे भी बरकरार रहेंगे।

कोरोना के बाद चीन का हाल हुआ सख्त।

कोरोना महामारी के कारण दुनिया में होने वाली मौतों के मामले में चीन का रिकॉर्ड बाकी की तुलना में बेहतर ही रहा है। इससे यह उम्मीद हो रही थी कि महामारी के बाद एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बेहतर ग्रोथ देखने हो मिलेंगे यह भी उम्मीद थी कि चीन पूरी दुनिया को उसी तरह उबार सकता है जैसा उसने 2008-09 की वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद किया था।

चीन में निवेशकों का नियम-कानूनो हुआ सख्त।

चीन ने शी जिनपिंग के नेतृत्व में निवेशकों का नियम-कानूनो में किया बदलाव पर इस तरफ से चीन में आर्थिक मोर्चों को लेकर एक के बाद एक आ रही बुरी खबरों आने लगी और ऐसी खबरों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया इन खबरों के चलते इस बातो से भारतीय शेयर बाजार कोरोना काल के बाद के दौर में एशिया में निवेश के लिहाज से सबसे बेहतर साबित हुआ है और साल 2020 के आखिर में भारत के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स ने लोकल करेंसी सालाना 14% का रिटर्न दिया जोकि एशिया में 1 ट्रिलियन डॉलर यानी (करीब 82 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा की इकोनॉमी में जितने भी इंडेक्स हैं, उनमें सेंसेक्स का परफॉर्मेंस सबसे बेहतरीन रहा है।

लगातार रहा स्थिर रिटर्न।

भारतीय बाजार में पिछले तीन सालो में देखा गया की इसने लगातार स्थिर रिटर्न दिया है जबकि चीन में कभी ही ऐसा हुआ की इस तरह से आने वाली तेजी हमेशा रिटर्न देने में विफल हुए है, पर भारत अमेरिकी डॉलर के लिहाज से भी भारतीय बाजार ने सबसे बेहतर परफॉर्म दिया है इसी अगस्त में जहां दुनियाभर की इक्विटी में 5% से ज्यादा की गिरावट आई, भारतीय बाजार में महज 2.1% की ही गिरावट दर्ज की गई।

नोट- करोड़ रु. की राशि होने का दावा।

झुनझुनवाला का कहा था कि डीमैट खाते 10 करोड़ होते ही सेंसेक्स 65 हजारी हो जाने का अनुमान है 1 अप्रैल के बाद विदेशी निवेशकों ने 61,913 करोड़ रु. लगाए और पिछले वित्तवर्ष में 1.96 लाख करोड़ रु. निकाले गए क्योंकि इसमें भी भारतीय बाजार दो साल से लगातार स्थिर रिटर्न दे रहा है, जबकि चीन में काफी बार ऐसा भी हुआ कि निवेश की आने वाली तेजी हमेशा रिटर्न देने में विफल रही, फिर भी चीन में विदेशी निवेश मई 2021 में चरम पर रहा था।

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