मुहूर्त पर जोतिषो की राय: 30 की रात से 31 की सुबह रखी बधने का योग, 700 साल के बाद रक्षा बंधन का पंच महायोग।
रक्षाबंधन को लेकर देश के ज्योतिषियों ने कहा कि रक्षाबंधन के लिए 700 साल बाद पंच महायोग निकाला गया हुई जोकि रक्षाबंधन 30 की रात और 31 अगस्त की सुबह मनाया जा सकता है ये दोनो तारीको को शुभ कहा गया है पर इसको लेकर सभी जानकारों ने अपनी ज्योतिषीय गणना को लेकर शुभ मुहूर्त के लिए अलग-अलग तर्क किए है।
राखी बांधने के मुहूर्त को पूर्णिमा के समय के बारे में 10 बड़े ज्योतिषियों से उनकी रायें जानी गई जिसमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष रहें विभागाध्यक्ष प्रो. गिरिजाशंकर शास्त्री ने कहा कि 30 अगस्त को भद्रा सुबह 10.05 से शुरू होकर रात 8.58 पर खत्म हो जाएंगी और इस भद्रा के खत्म होते ही रक्षाबंधन करना चाहिए। दूसरी ओर लोक परंपरा और अलग-अलग के होते ही अगले दिन सुबह 7.37 तक पूर्णिमा तिथि के दौरान भी रक्षाबंधन हो सकता है।
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि ज्योतिष ग्रंथों में कहीं ऐसा नहीं लिखा है कि भद्रा पुच्छ में ही रक्षाबंधन करना चाहिए, इसलिए भद्रा काल के पूरी तरह खत्म होते ही राखी बांधनी चाहिए इस तरह 30 अगस्त की रात 8.58 से 31 की सुबह 7.37 तक रक्षाबंधन किया जा सकता है।
डॉ. गणेश मिश्र।
रक्षा बंधन पर डॉ गणेश मिश्र का कहना रहा कि 30 अगस्त, बुधवार को शुक्र बुध सूर्य, गुरु, और शनि ये पंच महायोग बना रहे हैं। इस तरह ये पांच योग में बुधादित्य, वासरपति, गजकेसरी और शश योग ऐसे बन रहें है कि इसमें की गई खरीदारी और नई शुरुआत लंबे समय तक फायदा पहुंचाये गी भ्रातृवृद्धि योग बनने से भाइयों का सुख, समृद्धि और सुरक्षा बढ़ेगी सितारों का ऐसा दुर्लभ संयोग पिछले 700 सालों में नहीं बन रहा था।
भद्रा क्या है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार माना गया है कि भद्रा भगवान सूर्य की कन्या है यह सूर्य की पत्नी छाया से उत्पन्न हुई है इस तरह भद्रा को शनि की सगी बहन कहा गाय है।
भद्रा पर खरीदारी शुभ या अशुभ।
अगर रक्षाबंधन पर भद्रा है तो क्या खरीदारी या बखी काम शुभ है या अशुभ ये बात काफी लोगो सोच समझ में आती है, इस बार 30 अगस्त को पूरे दिन होने वाले व्रत, स्नान-दान और खरीदारी करने में भद्रा दोष नहीं है इस दिन ग्रह-नक्षत्रों से बन रहे शुभ योगों में किए जाने वाले कामों का शुभ फल में वृद्धि का लाभ है।
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