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न्यू रूल्स: जेनेरिक दवाइयां ही डॉक्टर अपने पेशेंट को सजेस्ट कर सकेंगे, ऐसा न करने पर लगेगी उन पर पेनाल्टी, जानिए क्या है रूल!

नेशनल मेडिकल कमिशन ने 2002 में एक रूल निकाला था कि किसी भी डॉक्टर को अपने पेशेंट को जेनेटिक दवाइयां ही प्रेस्क्राइब करनी चाहिए, लेकिन उसके बाद पर भी काफी शिकायतें यह आई कि डॉक्टर उनको बाजार की महंगी दवाइयां लिखते हैं जिस पर उनको भारी कमीशन मिलता है, क्योंकि होता यह है कि जो दवाइयों की कंपनियां है, वह डॉक्टर के पास आती है और अपनी दवाइयां डॉक्टर से कहती है कि यह हमारी महंगी दवाइयां को लिखिए, प्रेस्क्राइब करिए जिससे उनको एक बारी कमीशन मिलता है और इसमें डॉक्टर का भी फायदा होता है।

बल्कि यह कंपनियां डॉक्टर से कहती है कि हमारी यह दवाइयां बिकवा दो और जिससे हम आपको एक मोटा कमीशन देंगे। इसके बाद पर डॉक्टर इस तरह से महंगी दवाइयां अपने पेशेंट को  देते है।

क्या है खुलासा।

अब नेशनल मेडिकल कमीशन ने एक नया रुल निकाला है कि अगर कोई भी रजिस्ट्रेशन डॉक्टर ऐसा करता है सस्ती दवाइयों को छोड़कर महंगी दवाइयां लिखता है और बड़ी कंपनियों को फायदा करवाता है तो उसके ऊपर पेनल्टी लग सकती है, साथ ही उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है इस तरह उनको सजा हो सकती है।

नोट: कई रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि जनरेट दवाइयां महंगी, ब्रैंडेट दवाइयों जैसी ही असरदार होती है।

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