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हेल्थ समस्या: लोगो में बड़ रहा है हाई ब्लड प्रेशर का खतरा, क्या है इसकी वजह, इस समस्या से लिपटने के उपाय।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का अनुमान है कि भारत के लोगो में ब्लड प्रेशर यानी BP की समस्या लगा तर बढ़ रही है, इस रिपोर्ट के हिसाब से भारत में चार में से एक वयस्क को हाई बल्ड प्रेशर की समस्या है इनमें से सिर्फ 12% अपने BP को कंट्रोल रखने का उपाय करते हैं, ICMR इंडिया डायबिटीज की स्टडी में बताया गया है कि भारत में 3 करोड़ 15 लाख लोग हाई ब्लड प्रेशर के पेशेंट रहें है।

ब्लड प्रेशर होने के कारण।

हाई ब्लड प्रेशर होने का कारण यह भी है कि खराब लाइफ स्टाइल और हेल्थ के प्रति लापरवाही और अगर परिवार के किसी सदस्य को हाई BP की समस्या है तो दूसरे सदस्य को होने की आशंका बढ़ जाती है, इसके लावा कुछ और गलतियां होती है जोकि हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है। जैसे-

1.ज्यादा नमक खाना

2.सिगरेट पीना

3.वजन बढ़ना

4.एक्सरसाइज न करना

5.तनाव में रहना

6.वसा युक्त भोजन करना

7.फल या सब्जी कम खाना

बीपी को कैसे जाने।

हाई BP होने पर कुछ लक्षण का दिखाई देना।

जैसे- 1.थकान

2.ज्यादा सिरदर्द

3.कम दिखना

4.सांस लेने में परेशानी

5.चक्कर आना

6.सीने में दर्द

7.उल्टी या मितली

8.बार-बार यूरीन आना

9.नाक से खून आना

10.यूरीन से खून आना।

ब्लड प्रेशर ज्यादा होने से 7 परशानिया।

सीने में दर्द,

ज्यादा थकान,

सिरदर्द,

सांस लेने में दिक्कत,

इर्रेगुलर हार्ट बीट,

नजर कमजोर,

नाक से खून रिसना जैसी परेशानियां होती है।

इन लोगो को हाई ब्लड प्रेशर खतरा ज्यादा रहता है।

1.जोकि स्ट्रेस और एंग्जायटी के शिकार लोग है

2.डायबिटीज के पेशेंट है।

3.किडनी के मरीज,

4.प्रेग्नेंट महिला,वो महिला जो गर्भ निरोधक खाती हैं

5.मोटापा पीड़ित

6.बढ़ती उम्र।

ब्लड प्रेशर की कैटेगरी,इसको खुद कर मानिटारग।

नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg से कम रहता है, बढ़ा हुआ 120-129 mmHg सिस्टोलिक / 80 mmHg डायस्टोलिक से कम हाई ब्लड प्रेशर स्टेज 1130-139 mmHg सिस्टोलिक 80-89 MMHG डायस्टोलिक हाई ब्लड प्रेशर स्टेज 2 140 mmHg ज्यादा सिस्टोलिक / 90 या 90 से ज्यादा डायस्टोलिक

हाइपरटेंसिव क्राइसेस 180/120mmHg से अधिक रीडिंग रहती है।

नोट: सिस्टोलिक प्रेशर दिल के धड़कने पर दबाव का माप होता है डायस्टोलिक प्रेशर दो धड़कनों के बीच में दबाव का माप होता है। इन दोनों को ही मरकरी प्रति मिलीमीटर यानी mmHg से मापा जाता है।

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