साइबर अलर्ट: AI जैसे टूल्स का इस्तेमाल कर रहें हैं साइबर ठग, रहें असली जैसे मैसेज और ईमेल से सावधान।
Cyber Fraud With Al Tools आज के समय में तकनीक में जहा विकास हुआ हैं सुविधाएं बढ़ी हैं, वहीं इसके साथ धोखाधड़ी के मामले बड़े है इसको करनेवालों के लिए भी नये रास्ते खुले है, मामले इतने बड़े है कि साइबर सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों ने लोगों को एक नये खतरे के प्रति आगाह किया और नई ठगी का शिकार हो रहें है लोग जैसे की एआई टूल्स साइबर अपराधी इसका इस्तेमाल कर आपकी निजी जानकारी हासिल करने ठगी कर रहे है इन अपराधियों ने फ्रॉडजीपीटी (FraudGPT) और वर्मजीपीटी (WormGPT) नाम के अत्याधुनिक जेनरेटिव एआई चैटबॉट्स के जरिए लोगों को अपना शिकार बना रहें है, इन्ही चैटबॉट के जरिए असली दिखने वाली ईमेल्स, मैसेजेस और संदेश भेजे जा सकते हैं, जो वास्तव में फर्जी होते हैं।
इस तरह की जाती है ठगी।
हाल ही में एआई का विकास होने से चैटजीपीटी के ज़रिये ने साइबर ठगों को मौका मिला है कि इसके जरिए लोगों को हूबहू असली दिखने वाले ई-मेल्स, मैसेज, नोटिस और टेक्स्ट किया जा सकता है इसमें फ्रॉडजीपीटी और वर्मजीपीटी जैसे टूल्स शामिल हैं, ये असली देखने वाले मैसेज अगर इनको किसी ने असली मान लिया, तो वो साइबर ठगों का शिकार बन सकते हैं क्योंकि फ्रॉडजीपीटी कोई फर्जी कोड लिख सकता है और इससे अननोन वायरस या मैलवेयर बनाया जा सकता है ये ग्रुप्स, वेबसाइट और मार्केट में घुसपैठ करने के लिए फिशिंग पेज और हैकिंग टूल भी जेनरेट किया जाता है मतलब ये है कि इसकी मदद से साइबर अपराधियों का काम काफी आसान हो जाता है
बाजार में उपलब्ध हैं ये टूल्स।
डार्क वेब पर इस तरह के एआई चैटबॉट आसानी से मिल रहें है जोकि बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, फ्रॉडजीपीटी को एम्पायर, डब्ल्यूएचएम, टोरेज, अल्फाबे और वर्सेस जैसे अंडरग्राउंड डार्क वेब जैसे सभी टूल्स मार्केटप्लेस में बेचा जा रहा है इसकी पहुंच टेलीग्राम चैनल पर उपलब्ध है जोकि इसको यहां भी बेचा जाता है, रिपोर्ट्स के मुताबिक इन्हें 200 डॉलर से 1,700 डॉलर तक के मंथली मेंबरशिप चार्जेस पर भी उपलब्ध है इनका फिशिंग ईमेल, मैलवेयर या क्रैकिंग टूल के निर्माण में इस्तेमाल होता है चैटजीपीटी-3 तकनीक पर बने यह चैटबॉट, यूजर के संकेतों के आधार पर बिल्कुल असली दिखने वाला टेक्स्ट जेनरेट हो सकता है, हैकर्स इन टूल्स का इस्तेमाल भ्रामक ईमेल जोकि लोग आसानी से इसको सच समझ ले और भ्रम का शिकार हो जाए, जिससे लोगों को लगता है कि उन्हें आधिकारिक बिजनेस कम्यूनिकेशन या बैंक नोटिस भेजा गया है ऐसे में किसी भी मेल पर गोपनीय जानकारी देने से पहले उसे बैंक या संबंधित अधिकारी से कंफर्म करें और इस तरह के मसले से सतर्क रहने की जरूरत हैं।
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