अलर्ट: मोबाइल पर गेम खेलना है असुरक्षित, बिगड़ सकता है मानसिक संतुलन, जाने कितने घंटे मोबाइल पर गेम खेलना हो सकता है डैंजरस।
राजस्थान के अलवर की ये घटना सभी पेरेंट्स के लिए चोकादेने वाली घटना है जहां फ्री-फायर और पब्जी जैसे ऑनलाइन गेम खेलने की लत ऐसे थी कि 14 साल के लड़के का मानसिक संतुलन बिगड़ गया और साथ ही आंखें में हुई खराबी इसके बाद पिछले 15 दिनों से उसे स्पेशल बच्चों के हॉस्टल में रखा गया है!
कितनी देर खेलता था गेम!
बच्चे के पिता के मुताबिक जब छोटा था तो सिर्फ 4 से 5 घंटे गेम खेलता था लेकिन देखते देखते उसकी लत इतनी बढ़ गई कि वहां 24 घंटे में 10 से 12 घंटे वहां केवल गेम खेला करता था और मोबाइल लेने की कोशिश करो गई तो उसके तो वहां चेचड़ाने लगता था और बिना वजह का गुस्सा करने लगता था उसको एक लत लगी थी।
इसलिए स्मार्टफोन है डेंजरस।
स्मार्टफोन से निकलने रेडिएशन दिमाग की सेल्स यानी कोशिकाओं को सिकोड़ देते हैं जिसकी वजह से ब्रेन में ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंच पाती है। इससे दिमाग के साथ-साथ बॉडी के पूरे सिस्टम को नुकसान होता है।
रोजाना 50 मिनट तक लगातार मोबाइल का इस्तेमाल करने से दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। इसके रेडिएशन से कैंसर होने का भी रिस्क रहता है।
यही वजह है कि कुछ दिन पहले भारत आए एपल के CEO टिम कुक ने इंडियन पेरेंट्स को हिदायत देते हुए कहा कि आज के बच्चे डिजिटल ऐज के बच्चे हैं। उनका स्क्रीन टाइम कम करना जरूरी है। मैं तो कहूंगा कि स्कूलों में भी पढ़ाई का डिजिटलाइजेशन कम किया जाना चाहिए।
जाने की बच्चे को मोबाइल की लत है या नही।
बच्चे को मोबाइल की लत हा या नही इसके लक्षणों को इस तरह समझते है और इससे हो तुरंत अलर्ट।
1.खेल-कूद की जगह ऑनलाइन गेम खेलना पसंद करता हो
2.सोशल गैदरिंग में भी मोबाइल फोन में लगा रहे और पेटेंट्स डाटेंगे या मारेंगे, इस डर से छिपकर गेम खेलता है गेम खेलने के लिए घरवालों से झूठ बोले बिना मोबाइल के खाना-पीना न खाता हो नींद में बड़बड़ाता हो।
3.किसी भी काम को करने के लिए मोबाइल मांगता हो।
4.हमेशा अकेला रहना पसंद करते हो दिनभर गेम की बातें करना, उसी के बारे में सोचता हो।
बच्चे के सामने,फोन का यूज कम करें।
1.यदि आपका बच्चा गेम खेलता हो तो, गेम खेलने पर बच्चे को थोड़ा डांट कर समझाएं।
2.बिना जरूरत के बच्चे को फोन न दें।
3.पढ़ाई के लिए बार-बार फोर्स न करें।
4.उनके साथ इनडोर और आउटडोर गेम्स खेलें।
5.एक्टिव रखने के लिए बच्चे को पार्क ले जाएं।
6.फोन में हमेशा पासवर्ड लगाकर रखें।
7.अपने बच्चे को समय दें, साथ घुमाने ले जाएं और पढ़ाई करते समय उनके साथ बैठें।
8.घर पर ही बच्चे की मनपसंद खाने की चीजें बनाएं।
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