महिलाएं लापता: पिछले 2 साल में एमपी में दो लाख से ज्यादा महिलाएं हुई लापता उसके बाद पश्चिम बंगाल में, और इसमें 2.51 में महिलाएं नाबालिगों की श्रेणी में रही।
संसद में किया गया खुलासा।
संसद में केंद्रीय गृह ने गुमशुदा महिलाओं के आंकड़े पेश किए इसकी जानकारी के मुताबिक देशभर में बीते 2 साल में सर्वाधिक 15% मामले मध्य प्रदेश के है, लापता महिलाओं के आंकड़े में 2019 से 2021 के बीच की बात की जाए तो देशभर से 13 लाख 13 हजार 78 महिलाएं लापता बताई गई है इस अकडो में शामिल 10 लाख 61 हजार 430 महिलाएं 18 साल के ऊपर की की है और वहीं, 2 लाख 51 हजार 430 नाबालिग हैं।
राज्यो में ऐसे मामले।
सबसे ज्यादा मामले मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में देखे मिले है इसके साथ केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर इस तरह के मामलों में शामिल है, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2 साल की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश से कुल 1 लाख 98 हजार 414 महिलाओं लापता हुई इस तरह की घटनाओ में 18 साल से ज्यादा उम्र की 1 लाख 60 हजार 180 महिलाएं और 38 हजार 234 नाबालिग शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल में 1 लाख 93 हजार 511 महिलाएं लापता रही जिसमें 1 लाख 56 हजार 905 महिलाएं 18 साल से ज्यादा उम्र की थी जबकि 36 हजार 606 नाबालिग है महाराष्ट्र से 1 लाख 91 हजार 433 महिलाएं लापता और ओडिशा से 86 हजार 871 महिलाएं और छत्तीसगढ़ से 59 हजार 933 महिलाएं लापता हो गई है।
केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली में सबसे ज्यादा केस दर्ज हुए है इसके आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 61 हजार 54, 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं और 22 हजार 919 नाबालिग लड़कियां लापता हो गई है जम्मू-कश्मीर से 8,617 महिलाएं और 1148 नाबालिग लड़कियां लापता हो गई है।
कानून में बदलाव करेंगी सरकार।
संसद में जब ये अकड़े सामने आई तो सरकार ने इसके दौरान कहा कि महिलाओ की सुरक्षा के लिए पहल करनी जरूरी है इसके यौन हिंसा के खिलाफ कानूनों को सख्त किया जाएं जिसमें क्रिमिनल लॉ एक्ट 2013 भी शामिल है और इसके साथ जब
2018 में संशोधित हुआ तो इसके मुताबिक 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ हो रही यौन हिंसा के खिलाफ सजा को सख्त किया गया और इसमें फांसी समेत कठोर सजा के प्रावधान तय हुए थे क्योंकि इस एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज होने के 2 महीने के भीतर कार्रवाई पूरी कर अगले 2 महीने में सुनवाई पूरी करने का प्रावधान दिया गया हैं।
8 शहरों में इमरजेंसी नंबर हुआ लॉन्च।
संसद में सरकार ने कहा कि इस तरह के क्राइम से बचने के लिए पूरे देश में इमरजेंसी नंबर 112 लॉन्च किया गया है, जो कंप्यूटर से जुड़ा जाएंगे जहां से फोन आएगा, वहां की लोकेशन ट्रैक करी जाएंगी।
2018 में साइबर क्राइम प्रोटल की हुए शुरुवात।
2018 सितंबर महा में प्रोटाल की शुरुआत की गई थी जिसके मुताबिक यह एक साइबर क्राइम प्रोतल है, कोई भी ऐसा अश्लील क्राइम होता है तो इस पोर्टल पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है और साथ ही सुविधा उपलब्ध रहती है।
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