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सुप्रीम कोर्ट का फैसला: जबरदस्ती पत्नी से संबंध बनाना मैरिटल रेप है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेंगे फैसला, जानिए क्या हैं मैरिटल रेप!

भारत दुनिया के उन 49 देशों में शामिल है जहां पत्नी से रेप करने वाले पति को समाज के साथ कानून दोषी नहीं मानता है और और ना ही केंद्र सरकार इस को अपराध मानने के पक्ष में है कोर्ट में यह मामले कई तरह के पेंडिंग है जिसको को सुप्रीम कोर्ट डिसाइड करेगी कि यहां मैरिटल रेप कहा जा सकता है या नहीं, यह अपराध के रूप में है या नहीं?

जब दिल्ली और कर्नाटक हाईकोर्ट में इस तरह के मामले आए तो इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में मैरिटल रेप की याचिकाएं दायर हुई और इसके साथ ही 375 को मैरिटल रेप शामिल करने या ना करने पर भी काफी चर्चा रही है जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करने का फैसला लिया गया।

कर्नाटक हाईकोर्ट का विवाद: कर्नाटक हाईकोर्ट में एक पिटीशन दायर हुई जिसमें हाई कोर्ट ने यह फैसला देते हुए कहा कि पति पत्नी से संबंध बनाना कोई रेप की कैटेगरी में नहीं आता है और आरोपों से उसको बरी करते हुए धारा 375 के अंतर्गत इसको रेप नहीं माना गया।  

दिल्ली हाई कोर्ट का मामला: इस साल के जुलाई महीने में दिल्ली हाईकोर्ट में इस तरह का पिटीशन दायर हुई इसको लेकर जस्टिस राजीव को जस्टिस हरिशंकर ने सुनवाई कर दोनों ने अलग-अलग फैसला दिया था। 

IPC का सेक्शन 375 से अपवाद हटाने के लिए 4 तरह के तर्क।

1. संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत समनंता का अधिकार दिया गया है मैरिटल रेप को अपराध नहीं मानना समानता, गरिमा पूर्ण जीवन, व्यक्ति के सम्मान और सेक्शुअल - पर्सनल जीवन में स्वतंत्रता के अधिकारों के खिलाफ है।

2. IPC की धारा 375 का अपवाद एक विवाहित महिला से यौन गतिविधि के लिए सहमति देने का अधिकार छीन लेता है। 

याचिकाकर्ताओं का तर्क हैं कि मैरिटल रेप को अपराध न कहना एक तरह से विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच एक अंतर करता है।

3. IPC में यह प्रावधान संविधान के आने पहले जोड़ा गया था, ऐसे में अब इसकी जरूरत नहीं है।

4. मैरिटल रेप को IPC की धारा 375 के अपवाद से हटाने की सिफारिश की थी, 2012 में 23 वर्षीय महिला के साथ दिल्ली में हुए गैंगरेप के बाद आपराधिक कानून सुधार के लिए जे एस वर्मा समिति बनाई गई थी केंद्र सरकार ने तब इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया था।

हर 5 में से एक पुरुष अपने पार्टनर से करता है जबरन सेक्स।

भारत में 15 साल से 49 साल की दो तिहाई से ज्यादा शादीशुदा महिलाएं पति की पिटाई और जबरन सेक्स झेलती हैं, पति की हिंसा झेलने वाली शादीशुदा महिलाओं में हर सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाली महिलाएं शामिल हैं देश में हर 5 में से एक पुरुष अपनी पत्नी या पार्टनर के साथ जबरन सेक्स करता है।

कई देशों में मैरिटल रेप है अपराध।

सबसे पहले सोवियत संघ 1922 ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित किया था, सोवियत संघ के बाद 1932 में पोलैंड ने इसे अपराध घोषित किया था ब्रिटेन ने मैरिटल रेप को क्राइम 1991, अमेरिका ने 1993 में घोषित किया इसके बाद 2019 तक दुनिया के 150 देश मैरिटल रेप को क्राइम घोषित कर चुके फिर

भारत समेत दुनिया के केवल 34 देशों में मैरिटल रेप अपराध नहीं है।

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