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भारत में दिन-ब-दिन हो रही खून की कमी, 20 लाख होती है खून की कमी 1.4 लाख ब्लड यूनिट की जरूरत है, एक ऐसा ब्लड ग्रुप है जो सभी जरूरतमंद की जान बचा सकता है।

देश हर साल लगभग 20 लाख यूनिट खून की कमी होती है और लगभग हर साल 1.4 करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत रहती है पर मिलता सिर्फ 1.2 करोड़ यूनिट ही है लेकिन एक ऐसा दुर्लभ ब्लड ग्रुप है जो जरूरतमंद लोगों की जान बचा सकता है।

कैसे जाना जाता है ब्लड ग्रुप

खून रेड सेल्स से बना होता है इसके ऊपर प्रोटीन की एक लेयर होती है जिसको एंटीजन कहा जाता है इस लेयर में ही एंटीजन A ब्लड टाइप A, एंटीजन B ब्लड टाइप B, एंटीजन AB ब्लड टाइप AB, दोनों ही नहीं ब्लड टाइप O भी पाया जाता हैं।

आरएचडी नाम का एक और एंटीजन पाया जाता है जिसके ब्लड सेल्स में रेड सेल में होने न होने का पॉजिटिव नेगेटिव होने का सेंस पता चलता है,लेकिन क्या हो अगर यह ब्लड सेल पॉजिटिव हो न नेगेटिव हो ऐसे में इसको RHNULL कहा जाता है लेकिन ये काफी रियल सिचुएशन होती है, दुनिया भर के 100 लोगों में से 45 लोगों में ये पाया जाता है यह ब्लड ग्रुप किसी भी शख्स को दिया जा सकता है हालांकि इसमें 45 लोगों में से 9 लोग ही इसे डिनोट कर पाते हैं।

इस खून की कीमत। इससे पता चलता है कि इसके एक बूंद की खून की कीमत एक सोने के ग्राम से भी ज्यादा है क्योंकि भारत में हर 10000 व्यक्तियों में से एक आदमी के खून में यह ब्लड ग्रुप पाया जाता है।

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