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फिटनेस टिप्स: बीपी, कैंसर जैसी बीमारियां हूं आसन करने से दूर,सूर्य नमस्कार से हो मोटापा खत्म और डायबिटीज कंट्रोल कूड़ासन!

क्रोनिक डिसीज की बीमारी कोरोना के बाद से तेजी से बढ़ गई हैं कम उम्र के लोगो में हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिसीज, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियां देखी गई है, बीते 21 जून योग दिवस पर मुंबई योग इंस्टीट्यूट की योग गुरु हंसा जी योगेंद्र और योग इंस्ट्रक्टर सौरभ बोथरा ने बताया कि कौन-से सरल योग और प्राणायाम हैं जो इन बीमारियों से बचा सकते हैं।

1. दिल की बीमारियां: दिल की बीमारियों के लिए भुजंगासन करना फायदे मंद है ये दिल की मांसपेशियां को मजबूत करके रक्त प्रवाह सुधारता है और साथ ही ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं। इसको करने से पीठ, फेफड़ों, कंधों, सीने और पेट के निचले हिस्से को इससे अच्छा खिंचाव मिलता है और लचीलापन आता है और रक्त व शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त आक्सीजन पहुंचाने में कामयाब है।

2. कैंसर: वैसे कहा जाएं तो योग कैंसर का इलाज नहीं कर सकता, लेकिन फिर भी ताड़ासन और त्रिकोणासन ऐसे आसन है जो शरीर में ऊर्जा का स्तर सुधारकर उसे लचीला बनाता है इसलिए माना गया है कि कैंसर रोगियों के लिए ये आसन उपयोगी है इससे चिंता और तनाव से राहत मिलने के साथ मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाता है, कैंसर के रोगियों को गहरी सांस वाले उज्जायी प्राणायाम से कैंसर के दुष्प्रभावों को कम करने में मददगार साबित है इससे शरीर की दूषित वायु बाहर निकल जाती है और योग कैंसर पीड़ित को मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा देने में भी उपयोगी है।

3. सिरदर्द: सिरदर्द की लिए अधोमुख श्वानासन और बालासन इसके लक्षणों को कम करने में मदद करने में सहायक है चुकी इससे तनाव कम होता है और माइग्रेन जैसे सिर दर्द के लिए भी प्राणायाम बहुत उपयोगी साबित हुआ क्योंकि इससे दिमाग शांत, स्थिर और तेज रहता हैं।

4. अल्जाइमर: अल्जाइमर जैसे रोग के लिए सर्वांगासन मस्तिष्क में ब्लड के सर्कुलेशन के लिए सहायक है यह आसन इंसोम्निया यानी रात को ठीक से पर्याप्त नींद न आने की समस्या भी दूर करने में सहायक है इस तरह से प्राणायाम सोचने और सही निर्णय के लिए मन को स्थिर रखता है।

5. किडनी से जुड़े रोग: धनुर्वक्रासन और अर्धमत्स्येन्द्रासन जैसे प्राणायाम ब्लड फ्लो को बनाने और सूजन को कम करके किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं किडनी के साथ ये स्वास्थ्य के लिए भ्रामरी लाभदायक है इसको इस तरह से करे की तर्जनी उंगलियों को दोनों कानों पर रख कर मुंह बंद रखते हुए ओम का उच्चारण करें और इस दौरान नाक से सांस लें और छोड़ें ऐसा 5-7 बार करें।

6. ब्लडप्रेशरः सुखासन और शवासन आसन दोनो शरीर और मन दोनों को विश्राम और आराम देने में मददगार हैं क्योंकि रेचक प्राणायाम हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद गार साबित हो सकता है यह लंबी सांस छोड़ने वाला प्राणायाम है, जो रक्तचाप के स्तर को संतुलित करने में सहायक भी है।

टिप्स: शरीर अधिक लचीला बनाने के लिए नमक कम खाइए इससे योग आसनों में फायदा रहेंगे और शरीर के लिए ब्लडप्रेशर का खतरा भी कम होगा।

योग को खाली पेट ही करें नाश्ता या खाना खाने के बाद योग न करें या फिर योग करने के 3 घंटे पहले खाना खा ले तो भी दिक्कत नहीं है।

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