दमोह में गंगा जमुना का गुप्त रास्ता, क्लास एलकेजी से पढ़ाई जा रही है इस्लामिक शिक्षा, बड़ता जा रहा है विवाद।
गंगा जमुना स्कूल पर बाद लगातार बढ़ता जा रहा है एमपी और एससीपीआर ने प्रशिक्षण किया था जिससे यह पता लगाया गया कि ही स्कूल से मस्जिद जाने का एक गुप्त रास्ता मिला है इससे अनुमान लगाया गया है कि यहां जबरन इस्लामिक शिक्षा दी जा रही है।
उर्दू को किया गया अनिवार्य।
शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी भाषा को चुना गया जबकि हिंदी भाषा को दूसरे स्थान पर रखा गया और यह उर्दू भाषा को तीसरे स्थान पर लेकिन एमपी राज्य सरकार बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ये निरीक्षण किया है कि यहां गंगा जमुना स्कूलों में उर्दू को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है और कई पाठ उर्दू भाषा में बढ़ाए जा रहे हैं।
हिंदू बच्चों पर बनाया गया दबाव।
मध्य प्रदेश के बाल संरक्षण आयोग की मेघ पावर ने यह जानकारी दी कि गंगा जमुना स्कूल में क्लास केजी से ही धर्म की शिक्षा दी जा रही है और इस को याद रखने के लिए हिंदू बच्चों पर भी दबाव बनाया जा रहा है और उन्होंने पुलिस और कलेक्टर को निर्देश दिए इसकी जांच करने के आदेश देते हुए एफआईआर दर्ज करवाई गई और स्कूल की मान्यता रद्द करने के दिए निर्देश।
भौगोलिक नक्शे से की गई छेड़छाड़।
दमोह जमुना के स्कूल में भारतीय मानचित्र यही नक्शा से भी छेड़छाड़ की जा रही है जिसमें भारत के आधे जगहों को नक्शे से हटा दिया गया है और दूसरी जगह का नक्शा की जोड़ा गाएँ की बात सामने आई है यहां राष्ट्रीय मानचित्र नीति 2005 के दिशा निर्देशों का उलघन किया है, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अधिकारी पुलिस अधीक्षक प्रियंका कानूनगो ने पुलिस अधिकारी को जो पत्र लिखा है उसमें 7 बिंदुओं के पत्र में एक बात महत्वपूर्ण है कि स्कूल का रास्ता मदरसे के अंदर की ओर जाता है।
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