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कैरियर फंडा: 21वीं सदी में चलाए जा रहे स्कूलों में क्या इनोवेशन और होलिक्टिक व्यू है जरूरी!

आजकल की शिक्षा प्रणाली में जोकि 21वीं सदी में तेजी से बड़ रही है जरूरत है कि स्कूलों को शिक्षा की नई प्रणाली और इसको गतिशील बनाने के लिए नई तरह से व्यवसायियों के लिए विद्यार्थियों को शिक्षा तैयार करें। यह जरूरी है कि इसमें व्यवसाय पर काम किया जाए और इनोवेशन और तकनीकी के नए तरीकों पर ध्यान दिया जाए। भारत की नई शिक्षा व्यवस्था में जरूरत है नई टेक्नोलॉजी की, 21वी सदी की शिक्षा व्यवस्था में क्या खुबिया या क्या व्यवस्था होती चाहिए।

शिक्षकों का प्रशिक्षण

नई शिक्षा प्रणाली में शिक्षकों को यह सीखना जरूरी है कि किस तरह से विद्यार्थियों का नए तरीके से विकास कराया जाए कि शिक्षक एवं विद्यार्थी के जीवन में उसके मां-बाप के बाद शिक्षक ही वह व्यक्ति है जो उसको प्रेरित और प्रोत्साहित कर सकता है लेकिन इस तरह से शिक्षा दें जैसे टेक्नॉलोजी में और बेहतर स्कूल्स को बनाने में शिक्षा काम आए। इस तरह से उनका प्रशिक्षण करें जो रोजगार के अफसर प्राप्त हो सके और उनको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।

टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन 

21वी सदी का समय यानी के टेक्नोलॉजी का समय चल रहा है। यहां पर बड़ा वीडियो और मल्टीमीडिया के जरिए कॉन्फ्रेंस प्रोडक्टर के जरिए शिक्षक विद्यार्थियों को अच्छे से कठिन शब्द को भी आसानी से समझा सकते हैं, उनको सीखने की जरूरत की इंटरेक्टिव लियरिंग को बनाए। 

ग्लोबल प्रोस्पेक्टिव पर काम करना। 

21वीं सदी में जरूरी है कि स्कूल में स्टूडेंट और टीचर के बीच में एक ग्लोबल पर्सपेक्टिव पर काम कराया जाना चाहिए। इससे उनको विश्व स्तर पर वैश्यक और कल्चर प्रोग्राम पर काम करने से उनमें सहनभूत प्राप्त होती और कम्युनिकेशन स्किल डेवलॉम होगी।

डेवलपमेंट पर करें फोकस।

शिक्षकों को विद्यार्थियों के लिए डेवलपमेंट नई तकनीकों के साथ कॉन्फ्रेंस डिजिटल और क्रिएटिव, कोरोरेटिव और बेहतरीन तरीके से ध्यान देना चाहिए। उनको दुनिया की ओर हो रहे वाद विवाद से जोड़ना चाहिए और उसके ऊपर काम करवाना चाहिए ताकि विद्यार्थियों के आने वाले समय में उसके लिए खुद को बेहतर बना सके।

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