हेल्थ टिप्स: इनडाइजेशन की प्रॉब्लम खड़े होकर पानी पीना तो नहीं, जाने क्या है पानी पीने का सही तरीका।
जब भी कभी हम लोगों को प्यास लगती है, हम लोगों को बस तुरंत पानी का भरा हुआ गिलास याद आता है और जल्दी जल्दी पानी पीना शुरू कर देते हैं पहले कभी आपने सुना हुआ के बड़े बुजुर्ग कहते थे कि बैठ कर पानी पीना चाहिए। हाल ही में अमेरिका की एक रिसर्च की गई और उसने भी यह दावा किया कि खड़े होकर पानी पीने से हो सकती है तमाम तरह की बीमारियां। खड़े होकर पानी पीने से जो दिक्कतें होती है उसका असर तुरंत तो नहीं दिखाई देता है पर जैसे-जैसे हम लोगों की उम्र बढ़ती रहती है, वैसे इसके लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। जैसे कि हड्डियां कमजोर, किडनी इन्फेक्शन, लंग्स में सूजन,ऑक्सीजन लेवल का कम होना।
पानी पीते समय ध्यान रखें ये जरूरी 7 बातें।
खाना खाते समय या उसके तुरंत बाद पानी न पिएं। पानी हमेशा रूम टेम्प्रेचर पर पिएं। चिल्ड पानी न पिएं। एक्सरसाइज करने के तुरंत बाद पानी न पिएं। एक बार में पूरा गिलास न पिएं, एक-एक सिप पानी पिएं। कभी भी लेटकर पानी न पिएं। रोजाना 2-3 लीटर पानी पीने की आदत बनाएं और सुबह उठकर खाली पेट 1-2 गिलास पानी पीना चाहिए।
शरीर को होती है हानि।
नेशनल सेंटर बायोटेक्निकल इंफॉर्मेशन की एक रिसर्च किया गया इस रिपोर्ट के मुताबिक खड़े होकर पानी पीने से डायरेक्ट हमारे शरीर में अंदर चला जाता है और और हॉट को नुकसान पहुंचाता है यानि कि एक जरूरी पोषक तत्व पानी के हमारे शरीर को नहीं मिल पाते हैं, जिससे हार्ट और लंग्स को काफी नुकसान होता है।
घुटनों में होती है समस्या।
खड़े होकर पानी पीने से लिक्विड सबस्टेंस में कमी आने लगती है जिससे घुटनों में दर्द की समस्या पैदा हो जाती है और इस तरह से जोड़ों में दर्द, घटिया बाई जैसे रोग पैदा होते हैं, इसलिए खड़े होकर पानी पीना घुटनों की समस्या या घुटनों का दर्द बन सकता है।
बैठ कर पानी पीने के फायदे।
हम लोग खड़े होकर पानी पीने के नुकसान को तो जान गए लेकिन बैठ के पानी पीने के फायदे शरीर को पहुंचाते हैं, आश्चर्यजनक लाभ जानिए बैठकर पानी पीने के फायदे।
शरीर को पानी की कितनी आवश्यकता होती है बैठकर पानी पीने से यह बॉडी के सारे हिस्सों में अच्छे से ऑब्जर्व हो जाता है और बाकी का बचा हुआ पानी जोकि बॉडी के लिए हार्मफुल है वह यूनियन के जरिए निकल जाता है और इस तरह से शरीर को पानी की पूर्ति होती है।
बैठ कर पानी पीने से शरीर को इलेक्ट्रोलाइट्स बैलेंस करने में सुविधा रहती है, इसके साथ ही खून में हार्मफुल सब्सटेंस नहीं घुस पाते हैं और खून साफ रहता है शरीर को जरूरी मिनरल्स मिलते रहते हैं।
एक सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि डाइजेशन सिस्टम सही रहता है पेट में सूजन और फूलने की समस्या भी खत्म हो जाती है।
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