राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हुई, क्या 8 साल तक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव?
राहुल गांधी को मानहानि के मामले में 2 साल की सजा के बाद सजा के 26 घंटे में ही लोकसभा सचिवालय ने अनुसूचित जारी करके 23 मार्च को घोषित किया अयोग्ग संसद सदस्य समाप्त।
मानहानि मामले में 2 साल की सजा मिलने के अगले ही दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता निरस्त हो गई है। सूरत की अदालत के फैसले के 26 घंटे में लोकसभा सचिवालय में केंद्र सरकार को सूचित किया बीते शुक्रवार को संसद से राहुल की अयोग्यता को लेकर अधिसूचना जारी करी गई।
वायनाड लोकसभा सीट रिक्त घोषित की गई।
लोकसभा की वेबसाइट के मुताबिक बताया जा रहा है कि अब 3 सीट है। जालंधर लक्षदीप और वायनाड खाली है। राहुल ने 2019 के आम चुनाव में वायनाड से जीत हासिल की थी।
कांग्रेस को मिला विपक्षी दलों का साथ।
कांग्रेस को विपक्षी दलों का भी मिल रहा है साथ, कहा सरकार पर उठा रहे सवाल इसलिए हुई थी। कार्यवाही अलग-अलग तत्वों से देखा जा रहे हैं फिलहाल राहुल के बयान एकजुट हो रहे हैं और एक दिन पहले ही कांग्रेस पर भाजपा मोर्चे की हिमायत करने वाले नेताओं का भी समर्थन में आ गए हैं।
क्या आठ साल तक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव!
कहां जा रहा है कि राहुल सजा के दौरान 2 साल और उसके बाद जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत 6 साल चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। ऐसा हुआ तो 2024 और 2029 के आम चुनाव में कांग्रेस के सामने समस्या खड़ी हो भी सकती है। अब ये अदालत से रोक हटी है तो राहुल के पास चुनाव लड़ने का मौका रहेगा। अधिसूचना जारी होने से पहले बीते शुक्रवार सुबह संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने राहुल लोकसभा पहुंचे और सांसदों की बैठक में भी शामिल हुए थे।
अदालत से क्यों रोक नहीं रही।
सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने राहुल को दोषी ठहराने के बाद अपील के लिए जमानत देने के साथ सजा पर तीसरे दिन की रोक लगा दी थी। हालांकि जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक सजा के साथ दोषसिद्धि पर भी रोक लगती है तो उनकी सदस्यता रद्द होने से बचे जाती है।
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