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करार: सेमीकंडक्टर को लेकर इंडिया अमेरिका के बेच हुआ समझौता, लोकल मैन्यूफैक्चरिंग से सस्ते होगे कंप्यूटर और मोबाइल फोन।

बीते 10 मार्च को कॉमर्स मिनिस्ट्री ने जानकारी दी है कि इंडिया और अमेरिका के बीच समझौता किया गया है जिसमें मेमोरेम्डम ऑफ अंडरस्टैंडिंग से समझोता किया गया है इसमें दोनो देश मिलकर देश में सेमीकंडक्टर के सेक्टर में वृद्धि करेंगे।

सेमीकंडक्टर हब बनेगा इंडिया

1 सेमीकंडक्टर के मामले पूरी दुनिया चीन और ताइवान पर निर्भर है।

2 देश में प्रोडक्शन न होने से हम भी सेमीकंडक्टर मटेरियल इम्पोर्ट करते हैं

3 अभी करीब 1.76 लाख करोड़ रुपए का इम्पोर्ट भारत करता है

4 2025 तक ये इम्पोर्ट 7.5 लाख करोड़ रुपए के करीब हो सकता है

5 समझौते के बाद सेमी कंडक्टर के लिए चीन पर निर्भरता कम होगी।

6 सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन भारत और अमेरिका की हिस्सेदारी बढ़ेगी।

7 भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को भी काफी फायदा मिलेगा

8 इलेक्ट्रॉनिक आइटम से लेकर ऑटोमोबाइल तक सस्ते होंगे

9 देश में गैजेट्स और टेक्नोलॉजी के सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

10 अनुमान के मुताबिक, सेमीकंडक्टर को डिजाइन करने के लिए करीब 85 हजार टैलेंटेड इंजीनियर्स की जरूरत पड़ेगी। इनके अलावा तमाम छोटे-बड़े पदों के लिए भी नौकरियां पैदा होंगी।

सेमीकंडक्टर यानी गैजेट्स की 'जान'

 सिलिकॉन से बने यह सेमीकंडक्टर चिप्स हेल्थकेयर से लेकर एग्रीकल्चर इंडस्ट्री तक में प्रोडक्ट्स बनाने में इस्तेमाल हो रहे हैं और इन चिप्स के प्रोडक्शन में 1 हजार से अधिक स्टेप्स शामिल हैं और एक चिप को बनाने के लिए कई देशों में उस पर काम होता है, इंटेल, सैमसंग, ताइवान, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TSMC), ब्रॉडकॉम और Nvidia चिप्स बनाने वाली लोकप्रिय कंपनियां रही है वही US टिप्स पर R&D करने में सबसे आगे, ताइवान असेंबली, पैकेजिंग और टेस्टिंग में अग्रणी; अभी दुनिया का सबसे बड़ा रहा है वही सेमीकंडक्टर पर निर्भर प्रोडक्ट्स कार, कंप्यूटर, टीवी, मोबाइल, टेलीकॉम, गैजेट्स, स्पीकर, रेलवे, एसी, स्मार्ट बल्ब, माइक, कैमरा उपलब्ध है

सेमीकंडक्टर का निर्माता

सेमीकंडक्टर का सबसे बड़ा निर्माता, 66% ताइवान है सेमीकंडक्ट का निर्माता, वहीं दूसरी ओर 17% दक्षिण कोरिया, 8%चीन, 9% अन्य।

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