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सुपर फूड प्रोडक्शन: अमीरों की पसंद सुपर फूड बनाना मुसीबत, किसानों ने उठाए सुरक्षा के लिए हथियार।

भारत में सुपर फूट की भरमार है जहां दुनिया सुपर फूड खा रही है वहीं कहीं बंदूक की नोक पर इसकी खेती की जा रही है और मासूम बच्चों की जान जा रही है जरूरी है जानना क्या है यह सुपर फूड?  यह सुपर फूड वो फूड होते हैं जिसमें न्यूट्रिशन कंपारेटिविल ज्यादा होती है, यह दिहान देने वाली बात ये है कि यही सुपर कूट शब्द को डिटीशन और न्यूट्रीशन की देन नहीं है बल्कि पहले वर्ल्ड वार के द्वारा अपनाई गई मार्केटिंग रणनीति का नतीजा है

अमेरिका यूनाइटेड नाम की एक कंपनी ने सुपरफूड केले बेचने के लिए नाम इस नाम मार्केटिंग में उपयोग किया था तभी से देखते देखते हैं दुनिया सुपरफूड नाम की आदी हो गई। तभी से इसको कंज्यूम करने में सबसे ज्यादा ऊपर आता है यूनाइटेड स्टेट, यहां इसका ओबेसेजन इतना ज्यादा है कि दूसरे लोगों की जान पर बन आई 

ब्राजील के अमेजन में सबसे ज्यादा एकिरीबेरी मिलती है और इसका कंज्यूमर यहां पर ज्यादा है एकिरीबेरी में मौजूद सबसे ज्यादा हाई कैलोरी और एंटीऑक्सीडेंट इसको काफी खास बना देता है। यह बता है कि 2011 से लेकर 2020 तक अमेरिका में इसकी खपत 14000 पहुंच गई, लेकिन इसका फायदा किसानों तक नहीं पहुंच सका। 2013 में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें यह देखा गया है कि इसकी खेती करने वाले किसान काफी झोपड़ी_ पट्टी में रहते हैं और उनका शोषण किया जाता है

इस तरह से की जाती है इसकी खे

इसके पेड़ इस तरह के नाजुक होते हैं कि यह भारी वजन होते, अगर भारी लोग इसका पर चढ़ते हैं तो वहां टूट जाते हैं। कई बार तो ऐसा दिखाएं के लोगों की जान तक चल जाती है इसलिए इस काम में ही छोटे बच्चों को भी लगाया गया है। इसीलिए इसकी खेती को लेकर कई बार ब्राजील पर चाइल्ड लेबर के आरोप लगते रहे हैं और इसी तरह सुपर फूड को लेकर एवोकाडो भी काफी चर्चा में रहा है इसका सीधा फायदा होता है पैसे या अर्थव्यवस्था से है। इसकी खेती मेक्सिको में है जब यह इतने पैमाने पर होती है तो वहां की कुछ पावरफुल लोग उसका फायदा उठा के किसानों पर अत्याचार और शोषण करते हैं और काफी लोगों को मार भी डालते हैं या ऐसा देखकर किसान ने अपना सेल्फ डिपेंड लिया और किसानों ने अपनी रक्षा के लिए हथियार उठा ली है!

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