लिथियम की खोज: भारत में पहली बार मिला लिथियम के भंडार जम्मू कश्मीर में खोजा गया 59 लाख टन के लिथियम भंडार।
वर्तमान समय की बात कही जाए तो भारत लेथेरियम के मामले में दूसरे देशों पर निर्भर रहा है लेकिन हाल ही में भारत देश में लेथेरियम के भंडार पाए गए हैं और 5 सोने के ब्लॉक का पता लगाया गया है, लेथेलियम की बात कही जाए तो यहां लैपटॉप, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल आदि की बैटरी बनाने में काम में लाया जाता है।
लिथियम एक चांदी जैसी सफेदी वाला केमिकल मेटल है, जो बेहद हल्का होता है पिछले कुछ वर्षों में लिथियम का इस्तेमाल बैटरियां बनाने में हो रहा है,लिथियम का पहली बार यूज 1991 में सोनी ने कैमकॉर्डर की बैटरी में किया था अब स्मार्टफोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरियों में हो रहा लिथियम का इस्तेमाल 2040 तक दुनिया की क्लीन एनर्जी में 90% लिथियम का इस्तेमाल होगा, लिथियम बैटरियां अन्य बैटरियों की तुलना में ज्यादा ताकतवर और हल्की होती हैं दुनिया में अभी हर साल 7 अरब लिथियम ऑयन बैटरियां बिकती हैं 2027 तक हर साल 15 अरब लिथियम ऑयन बैटरियां बिकने का अनुमान दुनिया में अभी 1 करोड़ इलेक्ट्रिक गाड़ियां, दशक के अंत तक 14 करोड़ होने का अनुमान किया गया है दुनिया में ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मतलब होगा ज्यादा लिथियम बैटरियों की जरूरत का होना।
दुनिया में कितना है लिथियम का मार्केट!
2020 में लिथियम का ग्लोबल ट्रेड: 6667 करोड़ रुपए में रहा है 2020 में टॉप-5 एक्सपोर्टर चीन 4661 2999 करोड़ रुपए करोड़ रुपए, चिली 556 करोड़ रुपए,
अमेरिका 547 करोड़ रुपए,
रूस 547 करोड़ रुपए,
नीदरलैंड्स 129 कटोड़ रुपए का रहा है।
2020 में टॉप-5 इम्पोर्टर, साउथ कोरिया 4661 2999,
जापान 2510 करोड़ रूपए,बेल्जियम 325 करोड़ रुपए, भारत 110 करोड़ रुपए, जर्मनी 82 करोड़ रुपए था।
दुनिया में कहां हैं लिथियम के सबसे बड़े भंडार (2021 तक)।
पुर्तगाल 60 हजार मीट्रिक टन, अमेरिका 7.50 लाख मीट्रिक टन, चिली 92 लाख मीट्रिक टन, ब्राजील 95 हजार मीट्रिक टन, अर्जेंटीना 22 लाख मीट्रिक टन, जिम्बाब्वे' 2.20 लाख मीट्रिक टन, ऑस्ट्रेलिया 57 लाख मीट्रिक टन, चीन 15 लाख मीट्रिक टन मिलता है।
यूक्रेन के वे इलाके जहां हैं लिथियम और टाइटेनियम का भंडार मिलता है। जाइटॉरि, सुमी,कीव,चकांसी,खाकिंव, किटोवोहराड,डोनेट्स्क, माइकोलाइव, और जपोरिजिया में मिलता हैं।
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