भूकंप: सीरिया और टर्की में आए भूकंप से भारी तबाही के 52 घंटे बाद 8 वर्षीय लड़के को मलबे से निकाला सही सलामत।
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप से भारी तबाही मची जहां 19 हजार लोगों की लाश बरामद हो गई वही हजारों लोग मलबे में दबे है और जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है, इन लोगों का जिंदा मिलने की संभावनाएं कम होती जा रही है हालांकि टीम पर दिन रात काम कर रही है।
कितने दिन तक जिंदा रह सकते है मलबे में फंसे लोग!
लंदन यूनिवर्सिटी के डिजास्टर और हेल्थ प्रोफेसर का कहना था कि किस तरह से मलबे में लोगों की मृत्यु आसानी से हो जाती है जब भी भूकम आता है बड़ी-बड़ी बिल्डिंग ढल जाती है, जिसमें लोगों बीच में दब जाते है ज्यादा खून निकलने से व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है, दूसरी बात यह भी है कि जो जिंदगी और मौत के बीच तय करती है, वह हवा और पानी की उपलब्धता है कोई भी व्यक्ति अगर गहरे मलबे में दब जाता है जहां उसको हवा मिलना मुश्किल हो रही है इस हालत में उसका दम घुट कर आसानी से मौत हो सकती है।
मौसम भी एक बड़ा कारण है सीरिया और तुर्की में काफी दिनों से बर्फबारी हो रही थी। इसी बाद आय भूकंप से काफी लोगों की जानें गई और काफी लोग मलबे में दबे रह गए, मलबे में दबे रह लोगो को खाने पीने की जरूरत होती है तीन-चार दिन का खाना ना मिले तो वहां पांचवें दिन अपना दम तोड़ देते हैं।
बिना खाना-पानी इंसान के शरीर में क्या होता है?
पानी के बिना 3-7 दिन जिंदा रह सकते हैं, 1-2 महीना जिंदा रह सकते हैं नींद के बिना 11 दिन जिंदा रह सकते हैं पानी के अभाव में शरीर से टॉक्सिन हार्मोन बाहर निकलता है इससे बॉडी पार्ट्स के डैमेज होने की संभावना होती है। 2 दिन से ज्यादा भूखे रहने पर बॉडी का टिश्यू खुद के शरीर को खाना शुरू कर देता है इससे शरीर के अंग डैमेज हो जाते हैं।
किन लोगों के बचने की संभावना ज्यादा रहती है।
कई बार ऐसा होता है कि भूकंप आने के बाद काफी तबाही होने के बाद भी कई लोग जिंदा सही सलामत मलबे में से निकल आते हैं यह उनकी जिंदगी का दूसरा जन्म होता है यह तो एक चमत्कार है। 2011 में जापान में सुनामी और भूकंप के झटकों में एक व्यक्ति और उसकी 80 साल की दादी 9 दिन बाद मलबे से जिंदा निकाली गई थी
रेस्क्यू ऑपरेशन को शुरू करना।
सन फ्रांसिस्को केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च केलमन का कहना है कि अगर भूकंप आने से पहले यह रेस्क्यू ऑपरेशन को स्टार्ट कर दिया जाए तो भूकंप आने पर खतरा नुकसान नहीं रहता है। सीरिया और तुर्की में आए भूकंप में एक शख्स को बचाने के लिए 8:26 करोड़ का खर्च आ रहा है केलमैन ने कहा कि अगर इतना खर्च पहले भूकंप आपदा को रोकने के लिए किया जाता तो इससे आसानी से निपटा जा सकता था।
इस तरह से होता है मलबे में फंसे लोगों का बचाव।
सबसे पहले किसी भूकंप के आने के बाद जो इमारत ढल जाती है इसके मलबे को किसी ट्रक और क्रेन के जरिए से हटाया जाता है कई बार ऐसा भी होता है कि इसमें फंसे व्यक्ति के अंग तक काटने पड़ते ताकि उसकी जान बचाने पड़ जाए, मलबे में दबे व्यक्ति के बचाव के लिए प्रशिक्षित कुत्तों, और रोबोट से भी मदत ली जाती है कि उनकी जान बचाई जा सके।
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