लैब में बनेंगे हीरे: जानिए किस तरह से लैब में तैयार किए जाएंगे हीरे, क्या है इसका पूरा प्रोसीजर और क्या होगी इसकी कीमत!
1950 से के बाद से ही दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लैब में हीरे बनाए जा रहे हैं, 2023 के बजट में वित्त मंत्री ने भी लैब में बनने वाले हीरो को महवता दी है ये डायमंड बिलकुल जमीन से निकलने वाले हीरे की तरह होगा।
हीरा एक ऐसी चीज जिसको बनने के लिए 150 किलोमीटर की गहराई और बहुत लंबा समय के साथ हजार से भी ज्यादा का टेंपरेचर में बनने वाला यह हीरा अब बनेगा लैब में, जिसको बनने के लिए चाहिए था लाखो अरबों का समय यह हीरा अब बनेगा लैब में ऐसी टेक्नोलॉजी के साथ जिससे कुछ ही समय हो बिश्किमती चीज हीरा बन कर होगा तैयार।
करीबन 2500 साल पहले भारत में हीरे की खोज की गई थी। तब से दुनिया भर में बेशकीमती चीज हीरा की पड़ताल की जाने लगी है, इससे आगे चलकर लोगों की काफी जान भी गई और दुनिया में करप्शन भी बढ़ा। धीरे-धीरे से जमीन से निकला हुआ हीरा मुश्किल से मिलने लगा और 1950 के वक्त से ही नखली हीरा बनाया जाने लगा। इसका सलूशन मिला साइंस में, साइंस में हीरा जो कि लैब में तैयार किया जा रहा है इसकी कीमत असली हीरे की कीमत से आधी कीमत होती है और यहां कम समय में तैयार किया जाता है ये असली हीरे जैसा नजर आता है।
ऐसे तैयार होता है लैब में हीरा।
भारत में सबसे पहले 2004 में लैब में हीरा तैयार किया गया था। दरअसल जमीन के कई किलोमीटर नीचे भारी प्रेशर और दबाव से कोयले का कार्बन रूप होता है ये ही प्रक्रिया सालों तक चलती है तब कहीं जाकर एक हीरा प्राप्त होता है, लेकिन यह लैब में इसी तरह का हीरा को बनाया जाने लगा है। लैब में बना ये हीरा देखने में बिल्कुल नेचर हीरे जैसा प्रतीत होता है और इसकी सुंदरता और स्ट्रक्चर्स ओरिजिनल हीरे की तरह ही होती है।
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