भारतीय संसद: 970 करोड़ में बना नया संसद भवन, इस तरह से किया गया इसको डिजाइन, इसी हफ्ते किया जा सकता है इसका उद्घाटन।
एक लंबे इंतजार के बाद नई संसद बनकर तैयार है इस संसद को ठीक पुरानी संसद के सामने बनाया गया है और इसके लिए संसद के सदनों के नए पहचान पत्र बनना शुरू हो गए हैं कहा जा रहा है कि जल्द ही संसद की इस नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया जा सकता है इस संसद को आने वाली डेढ़ सौ साल की जरूरतों को देखकर बनाया गया है जानिए संसद के बारे में कि किस तरह से इसका स्ट्रक्चर्स को तैयार किया गया है।
तिकोना डिजाइन!
10 दिसंबर 2020 को पुराने संसद भवन के ठीक सामने नए संसद भवन का शिलान्यास किया गया। पुरानी बिल्डिंग गोल है, लेकिन नए भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने इसे ट्राएंगुलर शेप दिया है। नई संसद भवन के बीचो-बीच कॉन्स्टिट्यूशन हॉल है। जहां ऊपर अशोक स्तंभ लगा हुआ है।
कॉन्स्टिट्यूशन हॉल के एक तरफ लोकसभा - और उसका सेरेमोनियल एंट्रेंस है। कॉन्स्टिट्यूशन हॉल के दूसरी तरफ राज्यसभा और उसका सेरेमोनियल एंट्रेंस है, कॉन्स्टिट्यूशन हॉल के तीसरी तरफ सेंट्रल लाउंज है, जहां ओपेन स्पेस भी है!
नए भवन की क्या जरूरत पड़ी।
195 साल पुराने संसद भवन की स्टेबिलिटी को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे।
1. पुरानी संसद को बनाते वक्त ये नहीं सोचा गया था कि यहां से इतना बड़ा लोकतंत्र चलेगा ज्यादा सांसद होने की वजह से जगह बेहद संकरी हो गई थी।
2. समय के साथ इमारत में पानी की सप्लाई, सीवर लाइन, एयर कंडीशनिंग, सीसीटीवी और ऑडियो-विजुअल सिस्टम जोड़े गए जो पहले से प्लान नहीं किए गए थे। इससे इमारत क्षतिग्रस्त हुई।
3. पुरानी इमारत में कम्युनिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर पुराना पड़ गया है,उसे आधुनिक बनाने की जरूरत थी।
4. जब पुरानी इमारत बनाई गई थी तो दिल्ली सीस्मिक जोन 2 में था, लेकिन अब सीस्मिक जोन 4 में है यानी भूकंप रोधी होने पर भी सवाल हैं।
5. कर्मचारियों के लिए काम करने की जगह बेहद कम थी,ज्यादा लोग होने की वजह से एक-दूसरे से सटे होते थे।
नए सांसद भवन का विजुअल टूर!
इसकी गैलरी से सीधा आगे बढ़ने पर कॉन्स्टिट्यूशन हॉल में पहुंचते हैं ये बिल्डिंग का सेंटर है यहां भारत का संविधान और उसकी डिजिटल कॉपी रखी है विजिटर इसे पेज-दर-पेज पढ़ सकते हैं। हॉल से एक रास्ता लोकसभा की तरफ जाता है, दूसरा रास्ता राज्यसभा की तरफ जाता है और तीसरा रास्ता सेंट्रल लाउंज की तरफ है।
नए भवन की खातियत।
नई बिल्डिंग फाइव स्टार प्लेटिनम रेटेड है और सभी स्मार्ट फीचर्स से लैस है इस इमारत को हाइएस्ट सिस्मिक जोन-5 के पैरामीटर पर डिजाइन किया गया है इस इमारत को अगले 150 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
लोकसभा का डिजाइन।
लोकसभा की थीम राष्ट्रीय पक्षी मोट की तर्ज पर रखी गई है। लोकसभा हॉल में जाने के लिए लॉबी एरिया है यहां मौजूद गेट से अंदर जाते ही आप लोकसभा हॉल में पहुंच जाएंगे और ये हॉल हाई क्वालिटी ऑडियो-वीडियो से लैस है हर डेस्क पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की सुविधा है!
लोकसभा कक्ष में 888 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है,नई इमारत में सेंट्रल हॉल नहीं है, इसलिए संयुक्त सेशन भी लोकसभा में ही आयोजित किया जाएगा!
₹ 970 करोड़ की लागत से बना ये भवन।
संसद भवन बनाने में अब तक कुल 23,04,095 रोजगार पैदा हुआ है वही 63,807 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल हुआ। 26,045 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया हैं और 9,689 क्यूबिक मीटर फ्लाई ऐश का इस्तेमाल हुआ इसे बनाने की कुल लागत 970 करोड़ रुपए है और इसे टाटा लिमिटेड प्रोजेक्ट्स ने बनाया है।
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