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फंगस इंफेक्शन अलर्ट: फंगस इंफेक्शन ऐसा बीमारी जो दिमाग तक पहुंची तो हो सकती है व्यक्ति की मौत, 5.72 करोड़ों भारती हैं इससे परेशान।

इन लोगों में दिखता है इसका ज्यादा असर जो डायबिटीज के मरीज है,बुजुर्ग बच्चे, कमज़ोर कम्युनिटी वाले लोग, किसी और बीमारी में जूझ रहें लोग, ज्यादा पानी में काम करने वाले लोग,एचआईवी के पेशेंट को खतरा ज्यादा रहता है। इस पर अगर ध्यान ना दिया जाए तो ये पूरी बॉडी में फैल सकता है, जोकि एक्सपर्ट बताते हैं कि यहां ब्रेन का फंगस जो कैंसर से कम नही माना जा सकता है।

कही दिल्ली, कल्याणी एम्स PGIMER, चंडीगढ़ और मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन यूनिवर्सिटी से लेकर कई इंडिया यूनिवर्सिटीज और इंस्टिट्यूट में यह बात सामने आई है कि कैंसर के मरीजों से 10 गुना बढ़ोतरी पर फंगस इंफेक्शन के लोग शिकार हैं, भारतीयों में करीबन 5.72 लोग इस बीमारी का शिकार हो गए हैं जानिए इस आर्टिकल में कि किस तरह से लोग इससे पीड़ित हैं।

शरीर के इस ऑर्गन पर पड़ता है असर!

ऐसे पांच शरीर के ऑर्गन है जिस पर इसका असर सबसे ज्यादा होता है और इस तरह के होते है इसके सिम्टम्स।

स्किन_ स्किन पर होने वाला फंगस इन्फेक्शन सुपरफिशियल होता है यहां हाथ, उंगलियों नाखूनों पर होता है। हाथ में खुजली होती है, खोजली होने पर फंगल जमने लगता है और धीरे धीरे बॉडी पर फलता है 

आंख_आंख में खुजली होना, आंख लाल होना और इसमें लगातार पानी आना है यह सब फंगस इंफेक्शन के सिंटम्स हो सकते हैं। कभी-कभी हवा के चलते हैं या फिर फेस पर कोई पिंपल निकाल आता है इसके जरिए आंख में इंफेक्शन फैल सकता है

बाल _बालों में होने वाला इंफेक्शन कॉमन फंगस इंफेक्शन होता है यह टीनिया कैपिटस बोलते हैं इससे स्कैलस पर असर पड़ता है, ये समस्या बच् में ज्यादा पाई जाती है क्योंकि बच्चें बाहर खेलते है वो अपनी इम्यूनिटी मिंटेन नही कर पाते है इसका अब असर ज्यादा दिखता है।

लंग्स_ लंग्स में इंफेक्शन का एक सबसे ज्यादा दिखने वाला सिस्टम्स यह है कि इसमें बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी बीमारियां होती है, शरीर के दूसरे हिस्सों से होता हुआ कभी-कभी ये फंगस लंग्स तक पहुंच जाता है यह न्यूमोनिया का भी एक बड़ा कारण होता है।

नर्वस सिस्टम_ नाक और कान की हड्डी के जरिए या नर्वस सिस्टम तक पहुंचा जा सकता है, यह ब्रेन के बीच की हड्डी को खराब करता है और नर्वस सिस्टम पर असर डालता है। इसमें बुखार आना, सर दर्द रहना और वह वॉमिटिंग फील होना इसके सिमटम्स में शालिम है।

सीरियस फंगल इन्फेक्शन की प्रॉब्लम से हैं भारतीय परेशान है इसमें 2.4 करोड़ महिलाएं वजाइनल फंगल इन्फेक्शन यानी यीस्ट इन्फेक्शन की पेशेंट है, 17.38 लाख से ज्यादा को हैं क्रोनिक एस्परगिलोसिस, इससे रेस्पिरेटरी सिस्टम पर असर होता है।

35 लाख लोगों को सीरियस एलर्जिक लंग मोल्ड डिजीज है जबकि 2.5 लाख जूझ रहे हैं लंग्स और साइनस में होने वाले फंगल इन्फेक्शन से सबसे ज्यादा मौत इससे होती है, 10 लाख से ज्यादा पेशेंट हैं फंगल आई डिजीज के, इससे अंधापन हो सकता है।

ये फंगल डिजीज बनती है, मौत की वजह

*फंगल मेनिनजाइटिस

*ब्लैक फंगस

*लंग्स फंगल इन्फेक्शन (हिस्टोप्लास्मोसिस)

*साइनस फंगल इन्फेक्शन (फंगल साइनोसाइटिस)

*ब्लड फंगल इन्फेक्शन (कैन्डिडीमिया )

इन बातों का ध्यान रखें।

1.ठंडे या गीले कपड़े न पहनने,सूखे कपड़े पहनें

2.हाथ पैरों की सफाई रखे और गीले मोजे हो या फुटवेयर पहनने से बचें

3.अगर कोई घर का सदस्य संक्रमित है तो उसका कुछ पर्सनल समान जैसे तौलिया, कंघा, कपड़े आदि का इस्तेमाल कोई अन्य स्वस्थ व्यक्ति को न करेंने दे।

4. कोई प्रभावित जगह पर डॉक्टर की सलाह से किसी क्रीम या लोशन का प्रयोग करें 

5.रोज नहाएं और शरीर को रखे साफ

6.सामान्य साबुन या शैम्पू की जगह मेडिकेटेड साधनों का प्रयोग करते रहें।

7.ढीले-ढाले कॉटन के कपड़े को ही पहने।

8.डायबटीज़ के मरीज डायबिटीज को कंट्रोल में रखते हुए इसके लिए अतिरिक्त सावधानी रखे और वजन को संतुलित में रखें।

9.अगर घर मे पालतू जानवर हैं तो समय समय पर उनकी जांच करवानी चाहिए कई बार ये जानवर का घर में होना फंगस जैसे बीमारी की वजह बन सकते हैं।

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