बेशकीमती कोहरा: कोहरे से बनाया 20 से ज्यादा देशों ने पानी, अनुमान है कि भारत भी 1250 करोड़ लीटर पानी को बचा सकता है, क्या है ये लॉजिक जानिए विस्तार से।
फाग हार्वेस्टिंग!
ठंड वाला यह घना कोहरा कई देशों के लिए बेशकीमती साबित हो रहा है। साउथ अफ्रीका के कैप्टन में सर्वप्रथम इससे अपनाया गया था। 2007 से वहां के लोग इस तरह से पानी को इकट्ठा कर रहे हैं क्योंकि वहां पानी की काफी दिक्कतें रही है और इसके साथ ही भारत के उत्तराखंड और गुजरात में प्रोजेक्ट के तहत इस तरह से यह देखने को मिला है कि लोग कोहरे से पानी इकट्ठा कर रहे हैं जिसे फोग वेस्टिंग कहा जाता है दुनिया भर में 150 करोड़ लोग पानी की परेशानी को झेल रहें है इसलिए यह प्रयोग अफ्रीका सहित दुनिया भर के 20 से ज्यादा देशों में प्रयोग किया गया है।
इस तरह से हो रहा है इसका इस्तेमाल!
बढ़ते कोहरे में न तो कुछ आगे दिखता है और ना कुछ पीछे और यही कारण है कि यह जानलेवा बन जाता है, लेकिन यह विजिबिलिटी एक अपॉर्चुनिटी बन सकती है। कई देशों में जो सूखे की मार झेल रहे हैं बढ़ते कोहरे से खट्टा किया जा रहा जल इस तरह से काम में लाया जा सकता है।
कोहरा एक तरह से नेचुरल फिनोमिना है, जो तेज, ठंडी हवाओं से छोटी-छोटी बूंदों में बनने लगती है। पहाड़ी और मैदानों में जहां हवा का रुका ज्यादा तेज होता है, वहां पर नेट लगा दिया जाता है जिससे यह कोहरा इसमें इकट्ठा हो जाता है। पानी का रूप लेते हुए पाइपों की मदद से इसे इकट्ठा कर लिया जाता है इसके द्वारा रोजाना 200 से 1000 लीटर पानी को सेव किया जाता है। यह प्रयोग नेट और लोकेशंस और हवाओं पर निर्भर करता है।
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