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सेक्स रैकेट: व्हाट्सएप पर एक डाउट भेजते ही लड़कियां हो जाती है हाजिर, पिज्जा डिलीवरी की तरह हो रहा है सेक्स रैकेट का धंधा, जानिए क्या है पूरा मामला!

सेक्स रैकेट की बात करिए चाहे तो यहां ऑनलाइन धंधा है जिसमें जयपुर, पटना, नोएडा जैसे देशों में पड़ताल करी गई, जिससे पता चला कि यह ऑनलाइन पिज़्ज़ा डिलीवरी की तरह ही कॉर्पोरेट किया जा रहा है। सर्व करके इन लड़किया का खुलासा किया गया है, जिस सर्वे में व्हाट्सएप की पर्सनल चैटिंग भी सामने आएं है। लड़कियों को सेक्स करने के लिए पिछले 3 साल में 14,190 लड़कियो का ऑनलाइन धंधा किया गया है।

यहां से होती है लड़कियां।

साइबराबाद की डीसीपी कविता ने कहा कि इस सेक्स रैकेट में ऑनलाइन लड़कियों को चुनते हैं जिन को पैसे की जरूरत होती है। ऐसा सेक्स रैकेट चलाने के लिए लड़कियों को दूसरे राज्यों से अपने राज्य में लाते हैं। फिर उसके बाद इनको बड़े होटल्स, लग्जरी लाइफ दी जाती है। धीरे-धीरे लड़कियों को सेक्स रैकेट में लिया जाता है। ड्रग्स की आदत और अल्कोहल की लत लगाकर लड़कियां सेक्स रैकेट चलाने का काम करती है।

लड़कियों को दूसरे राज्य से लाकर इनका फोटो शूट करवाया जाता है और अलग-अलग तरह की वेबसाइट और व्हाट्सएप पर एक एडवर्टाइजमेंट की तरह दिया जाता है। फिर व्हाट्सएप पर कस्टमर इनकी फोटो को देखता है, लाइक करता है। उसके बाद वह लोग कांटेक्ट करते है और ऑर्गेनाइजर इन लड़कियों को डील वाली जगह पे भेजा जाता है सब कुछ ऑर्गनाइजर करता है लड़किया का पर्सनल नंबर कस्टमर को नहीं दिया जाता है पेमेंट भी ऑर्गनाइजर की लेता है। Ni hu

वेश्यावृत्ति पर भारत का कानून।

सुप्रीम कोर्ट के वकील का कहना है कि वेश्यावृत्ति को डायरेक्टली अपराधी नही माना जाता है क्योंकि दोनों वयस्क आपस में सहमति से संबंध बनाने के लिए सक्षम है। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के 2022 के जजमेंट में कहा गया कि वेश्यावृत्ति एक प्रोफेशन की तरह है और यह सीधे तौर पर अपराध नहीं माना जा सकता है।

भारत के अंदर भले ही वेश्यावृत्ति को सीधे तौर पर अपराध ना माना गया हो लेकिन फिर भी यह का अनैतिक और अपराध की श्रेणी में आता है क्योंकि देह व्यापार निषेध अधिनियम 1956 मौजूद है, जिसका सेक्शन 3 यह कहता है कि भारत में किसी स्थान को वेश्यावृत्ति करना या बनाना है इनलेगल है और उसको चलाने पर एक 1 साल से लेकर 3 साल का सजा का प्रोविजन है।

इसी अधिनियम का सेक्शन 4 और 5 यह कहता है कि जो वेश्यावृत्ति को एक व्यापार की तरह बनाए हुए हैं और ऐसी व्यापार की कमाई खा रहे हैं। उनके लिए 2 साल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही जो लोग लड़कियों को इस तरह के धंधे में लेते हैं, उनको तीन से लेकर सात साल की सजा दी जाती है।

सेक्शन 6 कहता है कि वैश्यालय जबरन किसी लड़की को रखना और जिस्मफरोशी का धंधा करने वालों को 7 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा मिल सकती है। 

इसी अधिनियम का सेक्शन 7 और 8 कहता है कि अगर कोई पब्लिक प्लेस पर वेश्यावृत्ति करता पाया जाता है तो उसे 3 महीने की सजा होती है और साथ ही अगर पब्लिक प्लेस पर कोई अश्लीलता करता है तो उसे 6 महीने की सजा का प्रावधान है।

नोट: इस अधिनियम के अलावा आईपीसी की धारा 372, 373 में, अगर कोई वेश्यावृति के लिए किसी भी लड़की और महिलाओं को बेचता या खरीदता है तो या इलीगल है उनको 10 साल की सजा का प्रावधान है।

नोट: भारत में वेश्यावृत्ति के हर साल 1 करोड़ 80 लाख महिलाएं इस धंधे में धकेली जाती हैं। वही भारत में 90% मामले के अन्य राज्यों के होते हैं जबकि 10% अंतरराष्ट्रीय के हैं।

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