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कैंप: सब्जियों की खेती करके इस किसान ने खुद को मालामाल करते हुए 17 परिवारों को रोजगार दिया। जाने क्या है ये कैंप।

शहडोल जिले में रहने वाले एक किसान ने आधुनिक खेती को अपनाकर अपने को मालामाल तो किया ही साथ में गांव के 17 किसानों को भी रोजगार प्रदान किया। यह सब्जी और फलों की खेती करके हर साल करीबन 4 लाख का मुआवजा कमा लेते हैं। जानिए इनकी पूरी कहानी, कैसे हुई इसकी शुरूआत।

कृषि विभाग का कैंप।

शहडोल जिले के ग्राम सिंदूरी में कृषि विभाग ने अपना कैंप लगाया था। यह 2015 की बात है जब गांव के सारे ही किसान इस कैंप में आए थे। इस में बबलू भी आया था। उसने इस कैंप को अटेंड किया और जो भी यहां के सीनियर अधिकारियों ने बताया, वहां उसको सब कुछ अच्छा समझ में आया, इस कैंप में एकमात्र किसान बबलू ऐसा था जो ग्रेजुएट किए हुए था। 

इस कैंप में अधिकारियों ने अपने स्कीम के बारे में किसानों को समझाया। उसके बाद उनसे पूछा, बबलू नाम के व्यक्ति को सब कुछ अच्छा समझ में आया। अधिकारी के सवाल करने पर उसने सही सही जवाब दिए और फिर पारस्परिक खेती को छोड़कर आधुनिक खेती को अपनाने लगा। उससे वहां अधिकारी काफी खुश हुए। कही भी कैंप लगता था तो अधिकारियों के साथ बाबूलू भी साथ जाने लगा और उसने आधुनिक खेती को अच्छे से सीख ली।

बबलू ने अपने गांव में ही 1 एकड़ जमीन पर सिंचाई करने के लिए ड्रिम लगाकर कृषि की खेती करी है इसके साथ ही और भी लोगों को इसमें इंवॉल्व किया है। 1 एकड़ जमीन में इस तरह आधुनिक खेती करने से उसने 5 एकड़ जमीन का मुआवजा कमा लिया।

गांव का ज्यादा एजुकेटेड बबलू।

अपने गांव के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे हैं बबलू 38 वर्ष के ग्रेजुएट हैं। यह बबलू करीबन 20 एकड़ जमीन ठेके पर लिए हुए हैं जिसमें वह सीजन की सब्जियां उगाते रहते हैं, वह बारिश में धान की पदावर करते हैं, जिसमें करीबन 100 कुंटल की पैदावार होती है।

आधुनिक तकनीकी।

बबलू ने बताया कि पहले खेतों में सिर्फ रसायनिक तरीके से सिंचाई की जाती थी, लेकिन अब वह जैविक तरीके का भी उपयोग करते हैं, 50 50% जैविक और रासायनिक तरीके से खेती की जाती है। बबलू सिंचाई करने के लिए जो तरीके आजमाए हैं वहां उन्होंने बताया कि वहां 40 ट्रॉली गोबर और उसके साथ 8 से 10 कुंटल डीएपी और यूरिया का खेतों में उपयोग करते हैं। इसके साथ ही वह सिंचाई के लिए ड्रिप बनाए हुए हैं। खेतों में पाइप को बिछाकर पानी की एक-एक बूंद का अच्छे से उपयोग करते हैं जिससे यह बहुत कम समय में काफी अच्छी पैदावार हो जाती है।

कमाई का स्ट्रक्चर्स।

इस समय की बात करें तो बबलू ने 20 एकड़ जमीन पर पत्ता गोभी, फूल गोभी, टमाटर, सेम और सब्जियां उगाई है जिसको वह हर शाम को तोड़कर शहडोल गांवों में इसको बेचने जाते हैं।

दूसरी ओर उन्होंने खेत की मेंढ पर आम,अमरूद और कटहल का की खेती कर रखी है इससे अच्छी खासी आमदनी होती है।

बबलू कम खर्च में अधिक लाभ कमाने का हिसाब पूरा रखते हैं। वह गर्मी के मौसम में खरबूजा, खीरा और तरबूज जैसे फलों की खेती करते हैं और खेती करते समय जो भी खर्च कर रहे हैं आगे के सीजन के लिए वह पूरा खर्च का हिसाब किताब रखते हैं और उसको बचत से लेकर चलते हैं जिससे आगे अच्छा प्रॉफिट प्राप्त हो सके।

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