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जब कंपनियों ने तेल और डीजल के दामों में गिरावट करी और बीते दिनों दिल्ली और चेन्नई में तेल के दामों में बदलाव किया गया क्योंकि कच्चे तेल (ब्रेंट) की कीमत इंटरनेशनल बाजार में जनवरी से निचले स्तर पर रही हैं। यह अब 81 डॉलर से नीचे आया है। अमेरिकी क्रूड 74 डॉलर प्रति बैरल के करीब हुआ,तो इस कीमतों में बदलाव के कारण देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 14 रुपए तक की कमी आने का अनुमान है।  

कीमतो का सिनेरियो।

पिछले कुछ समय से तेल की कीमतें में लगातार स्थिरता बनी हुई थी जो की सरकार इसको कम करने की घोषणा कर रही थी। लंबे समय के बाद पेट्रोल और डीजल के दामों में गिरावट आई है। इस तरह से कीमत में बड़ी गिरावट आने से भारतीय रिफाइनर 8 महीने में ही रिफाइनिंग कंपनियों के लिए कच्चे तेल के दाम 31 डॉलर (27%) कम हुए है।

राज्यों में पेट्रोल और डीजल के रेट।

बीते दिनों दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर वही डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर से मिल रहा है। चेन्नई में भी पेट्रोल 102.63 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर है, दूसरी तरफ मुंबई में पेट्रोल की कीमत 106.31 रुपये और डीजल की कीमत 94.27 रुपये प्रति लीटर है। कोलकाता की बात करे तो पेट्रोल की कीमत 106.03 रुपये वही डीजल के रेट 92.76 रुपये प्रति लीटर है। 

एसएमसी ग्लोबल का कहना है कि जब क्रूड में 1 डॉलर की गिरावट आती है तो देश में तेल कंपनियों को रिफाइनिंग पर प्रति लीटर 45 पैसे की बचत प्राप्त होती है इस तरह देखा जाएं तो 

पेट्रोल-डीजल के दाम 14 रु. प्रति लीटर तक कम हो जाते है इस पर कुछ का ये भी कहना है कि पूरी कटौती एक बार में नहीं होती है।

इन 3 वजहों से घटता है पेट्रोल डीजल के दाम।

1. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के प्रति बैरल (159 लीटर) रिफाइनिंग पर करीब 245 रुपए बचते है क्योंकि वर्तमान समय में देश की पेट्रोल और डीजल की कीमतो के हिसाब से क्रूड ऑयल का इंडियन बास्केट लगभग 85 डॉलर प्रति बैरल होना चाहिए, लेकिन ये 82 डॉलर के आसपास आ गया।

2. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह का कहना है कि अब सरकारी पेट्रोल कंपनियों को पेट्रोल की बिक्री पर काफी फायदा हो रहा है। लेकिन डीजल की बिक्री पर अभी भी ₹4 प्रति लीटर पर उनको नुकसान हो रहा है, कहा जाये तो ऑयल कंपनियों को हो रहा घाटा अब खत्म हो रहा है और ब्रेंट क्रूड लगभग 10% सस्ता हुआ है। इसके साथ डीजल कंपनियां मुनाफे में आ रही हैं।

3. पेट्रोलियम एक्सपर्ट का मानना है कि ब्रेंट तेजी से 70 डॉलर की तरफ बढ़ता कच्चा तेल से राहत तो मिलेंगे ही, लेकिन इसके लिए थोड़ा वक्त लगेगा क्योंकि तेल आयात से लेकर रिफाइनिंग तक का साइकल 30 दिन का वक्त लगता है, इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने का असर एक माह बाद दिखाई देता है।

कीमतों में बदलाव का समय।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में विदेशी मुद्रा दरों के साथ क्रूड-र्व रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता रहता है और ये बदलाव 

सुबह 6 बजे होता है और नई दरे लागू की जाती है। बाद इसके पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी और अन्य कर जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।

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