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कंपटीशन एग्जाम की तैयारी कर रहे कैंडीडेट्स के सबसे इंपोर्टेंट सवालों के जवाब टॉलस्टॉय की कहानी से जाने।

कोई भी स्टूडन जो कंपटीशन एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं, उनके माइंड में हमेशा 3 क्वेश्चंस बने रहते हैं, जिस क्वेश्चंस को वह अपने सीनियर से या फिर टीचर से हमेशा पूछते हैं कि-

1- एग्जाम की तैयारी वह किस समय शुरू करें हैं, किसको शुरू करने का सही वक्त क्या है ?

2- कंपटीशन एग्जाम की तैयारी करते समय किस बात को ज्यादा अहमियत देनी चाहिए और किसको नहीं?

3- एग्जाम क्लियर करने के लिए कहा से लाए मेंटल पावर?

 

लियो टॉलस्टॉय रूसी लेखक थे, जिनकी सफलता के रहस्य की कहानी में स्टूडेंट के इन तीनों महत्वपूर्ण सवालों के जवाब लियो टॉलस्टॉय की कहानी में छुपे में है तो जानते हैं उनके सफलता की रहस्य की कहानी को और जिससे स्टूडेंट को उनके तीनों सवाल के जवाब मिलेगें।

कहानी- एक राजा की तीन सवाल।

एक राजा के दिमाग में अचानक से तीन सवाल उठे और उसने यहां ऐलान किया कि जो भी इन तीन सवालों का जवाब देगा, उसको इनाम दिया जाएगा। पहला सवाल था कि किसी भी काम को शुरू करने के लिए सही वक्त क्या होना चाहिए?  दूसरा सवाल था कि किसी भी काम को करने में किन व्यक्तियों की सुनना चाहिए और किन की नहीं? तीसरा सवाल था कि दुनिया की वह कौन सी चीज है जिसको चाहे इंसान कर सकता है। इन तीनों सवाल के जवाब देने के लिए बड़े-बड़े यह विज्ञानी और ज्ञानी आने लगे। सब ने अपने अपने विचार अपने अपने तरीके से व्यक्त करें।

साधु का आश्रम।

* राजा के महल के निकट ही एक गरीब साधु रहता था और वह गरीब लोगों से मिलता था। जब राजा जाकर साधु से मिला तो वहां फावड़ा लिए और मुस्कुराते हुए जमीन खोद रहा था।

* राजा जब उस साधु के पास पहुंचा तो उसने कहा कि महाराज मैं आपके यह तीन सवाल के जवाब लेने के लिए आया हूँ, उसमें वही तीन सवाल दोहराए, जिसके जवाब में हैं वह साधु कुछ भी नहीं बोला और वहां चुपचाप से फड़वा लिए जमीन खोत्ता रहा।

* राजा ने उस साधु से फडवा अपने हाथ में ले लिया और जमीन खोदने लगा। वह साधु चुपचाप होकर जमीन पर बैठ गया। राजा परेशान और निराश हो गया उसके बाद राजा ने साधु से कहा- कि महाराज मैं आप से तीन सवाल पूछने आया था। अगर वहां तीन सवालों के जवाब आप नहीं दे सकते तो मैं वापस चला जाता हूं।

कहानी का सार।

थोड़ी देर में देखा कि वहां से एक आदमी दौड़ता हुआ साधु की तरफ आया जो अपने पेट को अपने हाथों से पकड़े हुआ था, उसके पेट से खून निकल रहा था। यह राजा और साधु ने देखी तो तुरंत अपना कुर्ता उतार कर उस आदमी के बाद क पेट पर बांध दिया है जिसके पेट में काफी घांव था और वह आदमी, राजा यही सो गये।

सुबह हुई तो वहां आदमी उठा और उसने राजा से माफी मांगी। तब राजा ने कहा कि मैं तुम्हें नहीं जानता। तुम मुझसे माफी क्यों मांग रहे हो तब उस आदमी ने बताया कि राजा मैं आप को मारने आया था, मैं पेड़ के पीछे छुपा हुआ था। आपको गोली मारने के लिए। लेकिन कुछ लोगों ने मुझे गोली मार दी और जिससे मैं घायल हो गया। आपने रात भर मेरी किदमत करी, जिससे मेरी जान बची, मैं आपका आभारी हूं।

राजा शांत था इसलिए उस आदमी को उसने कुछ नहीं कहा और माफ किया तभी उसने साधु से कहा कि महाराज मैंने आपसे तीन सवाल पूछे थे लेकिन लगता है मुझे उसके जवाब नहीं मिलेंगे इसलिए मैं चलता हूं।

साधु ने कहा, आपको तीनों सवाल के जवाब मिले।

साधु ने राजा से कहा कि महाराज आपको तीनों सवाल के जवाब मिल गये हैं। जब आप मुझ पर तरस खाकर फडवा लेकर मिट्टी खोदने लग गए और वापस घर नहीं गए। अगर आप उस टाइम घर चले जाते तो यहां आदमी आपके पर हमला कर देता और आप अपनी जान से जाते हैं, जब आप रुक गए हैं तो वह उचित समय था और मैं उचित आदमी। दूसरी ओर जब आप उसे आदमी का घाव भरे तो वहां व्यक्ति का समय उचित था। इस तरह से राजा को तीनों सवाल के जवाब मिलें।

 

स्टूडेंट के वह तीन क्वेश्चंस!

1- एग्जाम की तैयारी वह किस समय शुरू करें हैं, किसको शुरू करने का सही वक्त क्या है ?

उत्तर- सही समय आज, अभी, इसी वक्त है।

2- कंपटीशन एग्जाम की तैयारी करते समय किस बात को ज्यादा अहमियत देनी चाहिए और किसको नहीं?

उत्तर- अपने संसाधनों के मुताबिक अपने निकटतम टीचर्स और गाइड करने वालों की सुनें।

3- एग्जाम क्लियर करने के लिए कहा से लाए मेंटल पावर?

उत्तर- दूसरे के हित के बारे में सोचे और उनका साथ दें।

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